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ललितपुर‌ - सर्वप्रथम विश्व को "ऋषि बनो या कृषि " का उपदेश सारी दुनिया को दिया था प्रभु ने

(पंचकल्याणक में मनाया गया ज्ञान कल्याणक )


आज मोक्षकल्याणक उपरांत निकलेगी त्रय गजरथ फेरी

सर्वप्रथम विश्व को "ऋषि बनो या कृषि " का उपदेश सारी दुनिया को दिया था प्रभु ने


जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक व् अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम में पहुँच मुनि श्री का लिया आशीर्वाद,सफल आयोजन हेतु दी शुभकामनायें



ललितपुर ( उ०प्र०) 16 नवम्बर 2019

           नगर में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आध्यात्मिक संत गणेश प्रसाद जी वर्णी  महाराज की कर्मस्थली मड़ावरा में जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव आचार्य विशुद्ध सागर जी के आशीर्वाद व् मुनि सुप्रभसागर जी महाराज प्रणतसागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में भव्यता के साथ किया जा रहा है पाचवे दिवस ज्ञान कल्याणक महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर जनपद के जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला,पुलिस अधीक्षक एम एम बेग,समाजबादी पार्टी पूर्व विधान परिषद सदस्य श्याम सुंदर सिंह यादव,झाँसी जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह यादव,उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल उपाध्यक्ष महेंद्र जैन"मयूर व् झाँसी के प्रसिद्द बकील चंद्रशेखर शुक्ला जी ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में पधारकर मुनि संघ से आशीर्वाद लेकर सफल आयोजन हेतु सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा को शुभकामनायें प्रेषित कीं आयोजन समिति ने अतिथियों स्मृति भेंट कर सम्मानित किया।


ज्ञान कल्याणक दिवस पर निर्देशन पंडित प्रतिष्ठाचार्य राजकिंग के निर्देशन में प्रातः कालीन धर्मिक क्रियाएं हुईं


       महोत्सव का आगाज सुबह भगवान के अभिषेक के साथ हुआ इसके बाद भगवान जिनेन्द्र देव का अभिषेक शांतिधारा की गई चातुर्मास समिति ने आचार्य श्री विद्यसागर जी महाराज आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज व मुनि श्रमण सुप्रभ सागर जी मुनि श्रमण प्रणत सागर जी महाराज के विशाल चित्र का विमोचन किया गया इन्द्र-इन्द्राणियों ने देव-शास्त्र-गुरू की पूजन के साथ अष्ट द्रव्यों से भगवान की पूजा-अर्चना, स्मरण, ध्यान कर ज्ञान कल्याणक का अर्घ समर्पित किया। इसके बाद मुनि आदिकुमार को आहारचर्या का दृश्य प्रदर्शित किया गया राजाश्रेयांस एवं राजासोम बने महापात्रों ने पडगाहन कर मुनि आदि कुमार को आहारदान देने का सौभाग्य अर्जित किया।

      इस अवसर पर मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि युग के आदि में जब जन सामान्य को मुनियों को आहार देने की क्रिया का ज्ञान नहीं था तब भगवान आदिनाथ जो मुनि आदि कुमार के रूप 6 माह तक आहार नही प्राप्त हुआ था। 6 माह के पश्चात राजाश्रेयांस और राजासोम ने नवधा भक्ति के साथ सर्वप्रथम इच्छू रस का आहार दिया था। भगवान आदिनाथ ने ही कल्प वृक्षों की समाप्ति के पश्चात सामान्य प्रजा के हित के लिए आसी मसी कृषि वाणिज्य विद्या शिल्प एवं कला आदि की शिक्षाए जन सामान्य को सिखाई थीं। उन्होंने ही सर्वप्रथम विश्व को ऋषि बनो या कृषि का उपदेश सारी दुनिया को दिया था।  इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज की सभी सामाजिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग रहा सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के साथ ही सादूमल बम्होरी,सैदपुर,ललितपुर,टीकमगढ़, सागर मैनवार सोजना नैकोरा सोरई कारीटोरन भीकमपुर रमगढ़ा गिरार बरायठाआदि जगहों की समाज ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर धर्मलाभ लिया।

महोत्सव के मीडिया प्रभारी प्रियंक सर्राफ व् सहयोगी उमेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि आज 17 नवम्बर को भगवान के मोक्ष कल्याणक संपन्न किया जायेगा ततपश्चात बड़े ही भव्य रूप से महोत्सव स्थल पर त्रय गजरथ फेरी निकाली जाएगी साथ ही 18 नवम्बर को मुनि सुप्रभ सागर,प्रणत सागर जी का पिच्छी परिवर्तन महोत्सव सम्पन्न किया जायेगा।


सलाम खाकी‌ न्यूज ललितपुर से इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट

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