गजरथ महोत्सव में उमड़ा आस्था का अपार जनसैलाव
हुआ विश्वशांति महायज्ञ, हजारों श्रद्धालु बने साक्षी
भगवान के समान बनने की चाह रखना चाहिए : मुनि श्री सुप्रभसागर
सम्पन्न हुआ पंचकल्याणक महोत्सव
ललितपुर (उ०प्र०) 21 जनवरी 2020
परम पूज्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमण मुनि श्री 108 सुप्रभसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज, मुनि श्री संस्कारसागर , मुनि श्री आराध्यसागर जी महाराज, मुनि श्री साध्य सागर महाराज जी के पावन सान्निध्य में तथा प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जय कुमार जी निशांत भैया टीकमगढ़ के प्रतिष्ठाचार्योत्व में सौरई में चल रहे श्री 1008 भगवान मल्लिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव में मंगलवार को महोत्सव के आखरी दिन तीर्थंकर मल्लिनाथ भगवान का मोक्षकल्याणक भारी आस्था श्रद्धा के साथ मनाया गया।
12.30 बजे से जिन बिम्ब स्थापना की गई।
इस अवसर पर दोपहर में 1.16 बजे से गजरथ महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें आस्था का अपार जनसैलाव उमड़ पड़ा।
मंगलवार को मोक्षकल्याणक की क्रियाएं प्रातः
पात्र शुद्धि ,अभिषेक,शन्तिधारा,नित्य महापूजन के साथ आरंभ हुयीं। तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ को प्रातः 7.54 पर मोक्ष की प्राप्ति हुई। जैसे ही तीर्थंकर भगवान के मोक्ष जाने की घोषणा प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जय निशांत भैया ने की उपस्थित हजारों भक्तों ने जयकारों से आकाश गुंजायमान कर दिया, लोग खुशी से नृत्य करने लगे। विविध प्रकार के वाद्ययंत्र बजाए गए। भगवान के नख, केश, पिच्छि, कमण्डल तथा काजल की डिबिया, आभूषण, झारी, सलाई, बाजूबंद आदि को प्राप्त करने का सौभाग्य श्रेष्ठियों को प्राप्त किया। मोक्ष कल्याणक की पूजन की गई। आयोजन के अंतिम दिन विश्व शांति की कामना के साथ विश्व शांति महायज्ञ पूर्णाहुति हवन किया गया। शांतिपाठ और विसर्जन भी किया गया।
दोपहर 1:16 बजे से गजरथ महोत्सव में सातफेरी हुयीं जिसे देखने जैन और जैनेतर श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाव सौरई में गजरथ की परिक्रमा देखने उमड़ पड़े।आस्था के भारी जनसैलाव का उत्साह देखते ही बनता था। पंच मुनिराज गजरथ फेरी में शामिल रहे। गजरथ फेरी देखने जहां अनेक ग्रामों से ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे वहीं विभिन्न निकटतम व दूरवर्ती स्थानों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचे हुए थे। पूरे विशाल प्रांगण में चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे ।
इस दौरान गजरथ परिक्रमा में संगीतकार भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बनाए हुए थे,तो अनेक बैंड बजे उदघोष से आकाश गुंजायमान करते हुए चल रहे थे। विभिन्न स्वयंसेवी संगठन अपने दायित्वों को निभा रहे थे। रथ पर श्रीजी विराजमान थे। रथों पर बैठे पंचकल्याणक के पात्र मंगलगान करते हुए चल रहे थे। विभिन्न संगठन परिक्रमा की व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। परिक्रमा के बाद श्रीजी का अभिषेक विधि- विधान के साथ सम्पन्न हुआ। श्रीजी के अभिषेक का गंधोदक लेने भी श्रद्धालु उमड़ पड़े।
मल्लिनाथ के जैसा स्वरूप प्राप्त हो : मुनि श्री सुप्रभ सागर जी मुनिराज ने इस अवसर पर उमड़े अपार जनसैलाव को अपने अमृत वचनों से अभिसिंचित करते हुए कहा कि आज मोक्ष गए मल्लिनाथ भगवान से हम प्रार्थना करें कि जो स्वरूप आपने प्राप्त किया है वह हमें भी प्राप्त हो। तीर्थंकर भगवान कषाय, काय से रहित हुए, अभी हम इन दोनों से युक्त हैं। हमें दूसरे के समान नहीं इन्हीं भगवान के समान बनने की चाह रखना चाहिए। मोक्षगमन को देखना इस निश्चय को दोहराना है कि जीवन के सभी कार्य तब तक सफल नहीं कहे जा सकते जब तक उसका अंतिम लक्ष्य मोक्षगमन न हो।
मुनिश्री ने पंचकल्याणक महोत्सव समिति, सभी ग्रामवासी, सभी स्वयंसेवी संगठनों के कार्य की प्रशंसा करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।शासन-प्रशासन के कार्य को भी उन्होंने प्रसंशनीय बताया।
चरमोत्कृष्ठ आस्था है मोक्ष :
उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड तीर्थक्षेत्र कमेटी के मंत्री डॉ. सुनील संचय ने बताया कि वास्तव में मोक्षगमन जैन दर्शन के चिंतन की चरमोत्कृष्ठ आस्था है जो प्रत्येक हृदय में फलित होना चाहिए। समस्त कल्याणक महोत्सव का यह सरताज है।
आज महोत्सव में अपर जिलाधिकारी अनिल मिश्र, मंत्री प्रतिनिधि चंद्रशेखर पंथ, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, अशोक गोस्वामी, अशोक रावत, अजय पटैरिया, सूरज चौधरी, ब्लॉक प्रमुख चंद दीप रावत, ग्राम प्रधान धर्मेंद सिंह जू आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे । सभी अतिथियों का स्वागत स्वागताध्यक्ष अशोक जैन, ठेकेदार, महोत्सव अध्यक्ष अभिनंदन सौरया, कार्यकारी अध्यक्ष भागचंद्र जैन, श्रवण जैन, उपाध्यक्ष महेश जैन, महामंत्री विकास जैन, कोषाध्यक्ष विनोद कोठिया, अभिनंदन सौरया, मंत्री अजित जैन स्टील, विजय जैन, राजीव खजुरिया,आशीष चौधरी, विनोद कोठिया, पवन जैन , वीरचन्द्र जैन, राजू सौरया,राजकुमार जैन अप्सरा, वी सी जैन आदि ने किया।
पंचकल्याणक महोत्सव समिति , दिगम्बर जैन समाज, व अनेक स्वयंसेवी संगठनों की कर्मठता के कारण ही यह आयोजन ऐतिहासिक सफलता को प्राप्त हो सका। आयोजन को सफल बनाने में महोत्सव की आयोजन समिति व उप समिति तथा शासन-प्रशासन का उल्लेखनीय योगदान रहा।
पुलिस प्रशासन रहा तैनात :
आज अपार जनसैलाब को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में थाना मड़ावरा, गिरार, सोजना, मदनपुर आदि थानों का पुलिसबल सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात रहा।
सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
हुआ विश्वशांति महायज्ञ, हजारों श्रद्धालु बने साक्षी
भगवान के समान बनने की चाह रखना चाहिए : मुनि श्री सुप्रभसागर
सम्पन्न हुआ पंचकल्याणक महोत्सव
ललितपुर (उ०प्र०) 21 जनवरी 2020
परम पूज्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमण मुनि श्री 108 सुप्रभसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज, मुनि श्री संस्कारसागर , मुनि श्री आराध्यसागर जी महाराज, मुनि श्री साध्य सागर महाराज जी के पावन सान्निध्य में तथा प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जय कुमार जी निशांत भैया टीकमगढ़ के प्रतिष्ठाचार्योत्व में सौरई में चल रहे श्री 1008 भगवान मल्लिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव में मंगलवार को महोत्सव के आखरी दिन तीर्थंकर मल्लिनाथ भगवान का मोक्षकल्याणक भारी आस्था श्रद्धा के साथ मनाया गया।
12.30 बजे से जिन बिम्ब स्थापना की गई।
इस अवसर पर दोपहर में 1.16 बजे से गजरथ महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें आस्था का अपार जनसैलाव उमड़ पड़ा।
मंगलवार को मोक्षकल्याणक की क्रियाएं प्रातः
पात्र शुद्धि ,अभिषेक,शन्तिधारा,नित्य महापूजन के साथ आरंभ हुयीं। तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ को प्रातः 7.54 पर मोक्ष की प्राप्ति हुई। जैसे ही तीर्थंकर भगवान के मोक्ष जाने की घोषणा प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जय निशांत भैया ने की उपस्थित हजारों भक्तों ने जयकारों से आकाश गुंजायमान कर दिया, लोग खुशी से नृत्य करने लगे। विविध प्रकार के वाद्ययंत्र बजाए गए। भगवान के नख, केश, पिच्छि, कमण्डल तथा काजल की डिबिया, आभूषण, झारी, सलाई, बाजूबंद आदि को प्राप्त करने का सौभाग्य श्रेष्ठियों को प्राप्त किया। मोक्ष कल्याणक की पूजन की गई। आयोजन के अंतिम दिन विश्व शांति की कामना के साथ विश्व शांति महायज्ञ पूर्णाहुति हवन किया गया। शांतिपाठ और विसर्जन भी किया गया।
दोपहर 1:16 बजे से गजरथ महोत्सव में सातफेरी हुयीं जिसे देखने जैन और जैनेतर श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाव सौरई में गजरथ की परिक्रमा देखने उमड़ पड़े।आस्था के भारी जनसैलाव का उत्साह देखते ही बनता था। पंच मुनिराज गजरथ फेरी में शामिल रहे। गजरथ फेरी देखने जहां अनेक ग्रामों से ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे वहीं विभिन्न निकटतम व दूरवर्ती स्थानों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचे हुए थे। पूरे विशाल प्रांगण में चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे ।
इस दौरान गजरथ परिक्रमा में संगीतकार भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बनाए हुए थे,तो अनेक बैंड बजे उदघोष से आकाश गुंजायमान करते हुए चल रहे थे। विभिन्न स्वयंसेवी संगठन अपने दायित्वों को निभा रहे थे। रथ पर श्रीजी विराजमान थे। रथों पर बैठे पंचकल्याणक के पात्र मंगलगान करते हुए चल रहे थे। विभिन्न संगठन परिक्रमा की व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। परिक्रमा के बाद श्रीजी का अभिषेक विधि- विधान के साथ सम्पन्न हुआ। श्रीजी के अभिषेक का गंधोदक लेने भी श्रद्धालु उमड़ पड़े।
मल्लिनाथ के जैसा स्वरूप प्राप्त हो : मुनि श्री सुप्रभ सागर जी मुनिराज ने इस अवसर पर उमड़े अपार जनसैलाव को अपने अमृत वचनों से अभिसिंचित करते हुए कहा कि आज मोक्ष गए मल्लिनाथ भगवान से हम प्रार्थना करें कि जो स्वरूप आपने प्राप्त किया है वह हमें भी प्राप्त हो। तीर्थंकर भगवान कषाय, काय से रहित हुए, अभी हम इन दोनों से युक्त हैं। हमें दूसरे के समान नहीं इन्हीं भगवान के समान बनने की चाह रखना चाहिए। मोक्षगमन को देखना इस निश्चय को दोहराना है कि जीवन के सभी कार्य तब तक सफल नहीं कहे जा सकते जब तक उसका अंतिम लक्ष्य मोक्षगमन न हो।
मुनिश्री ने पंचकल्याणक महोत्सव समिति, सभी ग्रामवासी, सभी स्वयंसेवी संगठनों के कार्य की प्रशंसा करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।शासन-प्रशासन के कार्य को भी उन्होंने प्रसंशनीय बताया।
चरमोत्कृष्ठ आस्था है मोक्ष :
उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड तीर्थक्षेत्र कमेटी के मंत्री डॉ. सुनील संचय ने बताया कि वास्तव में मोक्षगमन जैन दर्शन के चिंतन की चरमोत्कृष्ठ आस्था है जो प्रत्येक हृदय में फलित होना चाहिए। समस्त कल्याणक महोत्सव का यह सरताज है।
आज महोत्सव में अपर जिलाधिकारी अनिल मिश्र, मंत्री प्रतिनिधि चंद्रशेखर पंथ, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, अशोक गोस्वामी, अशोक रावत, अजय पटैरिया, सूरज चौधरी, ब्लॉक प्रमुख चंद दीप रावत, ग्राम प्रधान धर्मेंद सिंह जू आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे । सभी अतिथियों का स्वागत स्वागताध्यक्ष अशोक जैन, ठेकेदार, महोत्सव अध्यक्ष अभिनंदन सौरया, कार्यकारी अध्यक्ष भागचंद्र जैन, श्रवण जैन, उपाध्यक्ष महेश जैन, महामंत्री विकास जैन, कोषाध्यक्ष विनोद कोठिया, अभिनंदन सौरया, मंत्री अजित जैन स्टील, विजय जैन, राजीव खजुरिया,आशीष चौधरी, विनोद कोठिया, पवन जैन , वीरचन्द्र जैन, राजू सौरया,राजकुमार जैन अप्सरा, वी सी जैन आदि ने किया।
पंचकल्याणक महोत्सव समिति , दिगम्बर जैन समाज, व अनेक स्वयंसेवी संगठनों की कर्मठता के कारण ही यह आयोजन ऐतिहासिक सफलता को प्राप्त हो सका। आयोजन को सफल बनाने में महोत्सव की आयोजन समिति व उप समिति तथा शासन-प्रशासन का उल्लेखनीय योगदान रहा।
पुलिस प्रशासन रहा तैनात :
आज अपार जनसैलाब को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में थाना मड़ावरा, गिरार, सोजना, मदनपुर आदि थानों का पुलिसबल सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात रहा।
सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
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