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शामली न्यूज़ : शामली के भाजपा जिलाध्यक्ष के वर्जन पर किस तरह की प्रतिक्रिया दी कश्यप समाज ने , और एक बार फिर भाजपा को किस तरह की दी चेतावनी

भाजपा जिलाध्यक्ष पर कश्यप समाज के लोगों ने लगाया गुमराह करने का आरोप






* 2 दिन पहले कश्यप समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने पूरे प्रदेश में कश्यप समाज का कोई भी जिलाध्यक्ष ना होने का भाजपा प्रदेश संगठन पर लगाया था आरोप


*   यदि भाजपा ने कश्यप समाज की इसी तरह अनदेखी की तो 2022 में सिखा देंगे सबक - सुरेश पाल कश्यप






झिंझाना ( शामली ) 3 फरवरी 2020


 पूरे उत्तर प्रदेश मे कश्यप बिरादरी का एक भी जिलाध्यक्ष न होने के संबंध में प्रकाशित खबर में जिलाध्यक्ष शामली के बयान पर कश्यप समाज के लोगों ने जिलाध्यक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए भाजपा  को कश्यप समाज की अनदेखी न करने की चेतावनी दी है ।‌ 


             नवंबर 2019 में भाजपा द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 98 जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं । महर्षि कश्यप उत्थान सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष व  स्थानीय कश्यप समाज के  नगर अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप के अनुसार बनाए गए सभी जिला अध्यक्षों में कोई भी जिला अध्यक्ष कश्यप समाज का नही है । इसी वजह से कश्यप समाज के लोगों में भी उबाल है ।       


   2 दिन पूर्व रविवार को उक्त संबंध में खबर का प्रकाशन हुआ था । जिसमें जिला अध्यक्ष सतेन्दर तोमर का वर्जन भी प्रकाशित किया गया था । वर्जन पढ़ने के बाद कश्यप समाज के लोगों ने आज इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष का बयान कश्यप समाज को गुमराह करने वाला है की पूर्वी उत्तर प्रदेश मे कश्यप समाज के कई लोग जिला अध्यक्ष हैं । और दिल्ली में गोकलपुरी सीट से भी कश्यप समाज के व्यक्ति  रंजीत को टिकट दिया गया है । और विजय सिंह कश्यप हमारे प्रदेश में राज्य मंत्री जी भी हैं ।   


    सुरेश पाल कश्यप समेत अनेक लोगों को कहना है यह बयान गुमराह कर रहा है । जब कि ऐसा नहीं है । बांदा में केवल एक व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया गया है जो निषाद  है । वह कश्यप समाज से नहीं है । इसी तरह दिल्ली के गोकुलपुरी सीट से जिस रंजीत को भाजपा ने टिकट दिया है वह भी कश्यप समाज की अन्य सहयोगी जातियों के अंतर्गत ही आता है ।  अनुसूचित जाति की आरक्षित की गई सीट के अंतर्गत ही रंजीत को टिकट मिला है ।       




  सुरेश पाल कश्यप का कहना है कि देश की जनसंख्या मे कश्यप बिरादरी करीब 18% के अंतर्गत आती है । जो देश प्रदेश की  सरकारे बनाने में महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका अदा करती है , 2006 में  मायावती की 2012 में और 2017 में प्रदेश की सरकारें बनाने में कश्यप समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । उन्होंने  इंसाफ न मिलने पर दूसरी पार्टी के साथ जाने की अपनी बात को फिर दोहराते हुए साफ किया कि यदि भाजपा ने कश्यप समाज कि अनदेखी की तो 2022 में आने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखा देंगे । 




सलाम खाकी न्यूज झिंझाना से अफजाल की रिपोर्ट

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