Advertisement

मध्य प्रदेश पुलिस के सर बंधा विकास दुबे की गिरफ्तारी का ताज , 8 राज्यों की पुलिस दिन रात पीछा कर रही थी दुबे का , आखिरकार विकास दुबे का काल बना उज्जैन का महाकाल

चाहे कोई कितना भी और किसी भी तरह से शक्तिशाली क्यों ना हो , कानून से बड़ा नहीं हो सकता






* मध्य प्रदेश के उज्जैन का महाकाल ही बन गया विकास का भी काल


* उत्तर प्रदेश के एक सीओ और एक इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का हत्यारा है विकास दुबे




सलाम खाकी ऑनलाइन न्यूज़ दिल्ली डैस्क 9 जुलाई 2020.       


      2 जुलाई 2020 की रात में पकड़ने आई पुलिस को अपने साथियों के साथ निशाना बनाकर बेरहमी से 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला दुर्दांत अपराधी विकास दुबे आखिरकार आज सुबह मध्यप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़ गया । बताया गया है कि उस समय महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल के दर्शन करने के बाद बाहर निकल रहा था कि इंटेलीजेंस पुलिस ने दबोच लिया ।


           5 लाख का इनामी था विकास दुबे



        विकास दुबे को जिंदा या मुर्दा पकड ने के लिए पहले 50,000 का इनाम रखा गया उसके बाद एक लाख का , फिर ढाई लाख का और अब तो उसे ₹500000 का इनामी बना दिया गया था ।

        5 दर्जन मुकदमों का अपराधिक इतिहास रहा है दुबे का

       विकास दुबे को भले ही पहले कोई नहीं जानता था । मगर उत्तर प्रदेश के 8 पुलिसकर्मियों की हत्या ने जरायम की दुनिया में विकास दुबे को  टॉपर बना कर खड़ा कर दिया । विकास दुबे का अपराधिक इतिहास काफी पुराना बताया गया है विकास पर एक नेता की हत्या के अलावा लूट पाट , डकैती आदि के करीब 60 मुकदमे बताए जाते हैं । जिसके गिरफ्तारी के लिए आज तक उत्तर प्रदेश सहित 8 राज्यों की पुलिस गिरफ्तारी हेतु जुटी हुई थी । 


    जान बचाने को गिरफ्तार हुआ मोस्ट वांटेड विकास ?

       कानपुर देहात की घटना के बाद पुलिस मुठभेड़ में विकास के भतीजे अमर तथा कल सुबह भी दो साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना पर शायद विकास दुबे को यह लग रहा होगा कि अब किसी भी प्रदेश की पुलिस के हाथों तेरा भी मरना निश्चित है । शायद इसीलिए विकास दुबे ने अपनी गिरफ्तारी का यह नाटक किया हो , ताकि उसकी जान बक्शी जा सके और वह जेल चला जाए ।

       विकास की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए मध्य प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी 👇



कहीं विकास दुबे का काल तो नहीं बना उज्जैन का महाकाल


     
      उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के विकरू गांव का तथा अधिकारियों समेत आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला दुर्दांत अपराधी वैसे तो काफी शातिर रहा , मगर इस घटना ने पूरे देश में एक आतंकी के रूप में उसकी पहचान करा दी । देश के उत्तर प्रदेश , हरियाणा , पंजाब , दिल्ली , राजस्थान , हिमाचल , मध्यप्रदेश समेत 8 राज्यों की पुलिस के साथ उज्जैन के राजा माने जाने वाले महाकाल का भी बहुत अच्छा सहयोग कानून को मिला । शायद महाकाल ने ही विकास के काल को भी देश के कानून के सामने लाकर पटक दिया । जिसमें विकास पुलिस के हत्थे चढ़ गया ।

 
कानपुर में 2 / 3 जुलाई 20 की घटना में शहीद होने वाले पुलिसकर्मी


1-देवेंद्र कुमार मिश्र,सीओ बिल्हौर
2-महेश यादव,एसओ शिवराजपुर 
3-अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना
4-नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर 
5-सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर 
6-राहुल ,कांस्टेबल बिठूर 
7-जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर 
8-बबलू कांस्टेबल बिठूर



सलाम खाकी न्यूज ओन लाइन एवं मासिक पत्रिका के समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट
       

No comments:

Post a Comment