Advertisement

सिरसा में नगर परिषद की चेयरपर्सन के चुनाव को लेकर फिर कशमकश शुरू



 सिरसा में नगर परिषद की चेयरपर्सन के चुनाव को लेकर फिर से कशमकश शुरू

सिरसा में विकास कार्य नहीं हो रहे क्योंकि नगर परिषद की चेयरपर्सन का पद पिछले करीब 3 बरसों से रिक्त है। नई चेयरपर्सन के चयन को लेकर कुछ दिनों से सिरसा के सियासी गलियारे में अच्छीखासी चर्चा होने लगा है। विकास कार्य न होने को लेकर खूब रोना किया जा रहा है और वह भी इस कोरोना काल में। 

  बता दें, एक विकास करीब दो साल पहले चंडीगढ़ में पकड़ा गया था और दूसरा विकास यूपी में बीते दिनों एनकाउंटर से खत्म हो गया। सिरसा में भी विकास जैन और विकास गुर्जर बतौर जगरूके पार्षद हैं और उन्होंने अपने अपने वार्ड में विकास कार्य करवाये भी हैं। लेकिन सिरसा के सभी वार्डों का समुचित विकास करने के लिए नगर परिषद में चेयरपर्सन का पद रिक्त है। चेयरपर्सन के तौर पर शीला सहगल चुनी भी गई थी लेकिन 17 महीनों के कार्यकाल के दौरान ही उनकी कार्यशैली को नापसंद कर उनके खिलाफ 31 में से 22 पार्षदों ने बगावत का बिगुल बज दिया था। जिससे शीला सहगल को चेयरपर्सन की कुर्सी छोड़नी पड़ी। 


अचरज की बात तो यह भी है कि शीला सहगल के खिलाफ बगावत करने वाले पार्षदों में भाजपा समर्थित 9 पार्षद भी शामिल रहे थे। इससे भाजपा की खूब फजिहत भी हुई। भाजपा आलाकमान के संज्ञान में बीबी मामला लाया गया लेकिन आलाकमान भी कुछ नहीं कर पाया।


विधायक कांडा की मदद से हो रही कशमकश 

अब विपक्ष और भाजपा के बागी पार्षद एक बार फिर से सिरसा के विधायक व हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा की मदद से नगर परिषद की नई चेयरपर्सन चुनने के लिए बेताब हो रहे हैं। लेकिन चेयरपर्सन कौन सी महिला पार्षद को बनाया जाए इस बारे में अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है। अब देखना यह है कि इस हालत में चेयरपर्सन का चुनाव होगा या नही !

No comments:

Post a Comment