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यमुना नदी में डूबे दोनों युवकों के शवों का आज गमगीन माहौल मे किया गया अन्तिम संस्कार.

* देर रात तक चले रैस्क्यू ओपरेशन में गोताखोरों द्वारा रात में ही निकाल लिए गए थे दोनों युवकों के शव

* परिजनों की इच्छा पर बिना पोस्टमार्टम कराए परिजनों को सौंप दिए गए दोनों शव




झिंझाना 15 जुलाई : एसडीएम ऊन के नेतृत्व में यमुना नदी में देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में गोताखोरों द्वारा दोनों युवकों के शवों को निकाल लिया गया , और परिजनों की इच्छा पर बिना पोस्टमार्टम कराए ही दोनों शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया  । आज सुबह गांव में आशु और जयंत के शवों का अंतिम संस्कार बड़े ही गमगीन माहौल में संपन्न हुआ ।
                  एसडीएम ऊन मनी अरोड़ा के नेतृत्व में‌ मगंलवार की देर रात तक चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गहरे पानी में गए दोनों शवों को गोताखोरों द्वारा मंगलवार की देर रात ही निकाल लिया गया । तथा परिजनों की इच्छा पर  पोस्टमार्टम  कराए बिना ही  दोनों शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया । 
           थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव नोनांगली निवासी जयंत पुत्र सुधीर तथा आशु पुत्र यशवीर आयु  करीब 20 - 22 वर्ष के मध्य , भीषण गर्मी को देखते हुए अपने तीन अन्य साथियों अंकित  अंकुर  तथा कल्लू के साथ कल मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे हरियाणा बॉर्डर पर  स्थित बिडौली घाट यमुना नदी में नहाने के उद्देश्य से गए थे । इधर-उधर घूम कर आने के बाद  सभी ने मंगलवार को करीब 3 बजे पहले तीन युवकों ने मंगलौरा घाट के पास  में स्नान किया । बाद में आंसू और जयंत स्नान करने घुसे तो बताया गया कि उन्होंने घुसने से पहले अपने साथियों से कहा था कि तुम बाइक व अन्य सामान लेकर अगले पुल पर पहुंचो और हम तैरते हुए वहां पहुंच रहे हैं । यह भी बताया गया कि वे तीनों बाइक व अन्य सामान लेकर अगले पुल पर पहुंच गए और वे इंतजार करते रहे । मगर दोनों युवक नहीं पहुंचे । बाद में करीब 4 बजे पता लगा कि वे कहीं डूब गए हैं । तो इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी थी और पुलिस ने तत्परता से पहले स्थानीय गोताखोरों को बुलाया था । जब उनसे सफलता नहीं मिली तो फिर कैराना से गोताखोर बुलाए गए और उन दोनों युवकों की तलाश कराई । एसडीएम मणि अरोड़ा के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन चला , जिसमें रात करीब 10 बजे तक दोनों युवकों के शवों को निकाल लिया गया था । बाद में इन दोनों शवों का पंचनामा भरकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया , दोनो परिजनों के घर में कोहराम मचा हुआ है ।
          आज बुधवार की सुबह आशु और जयंत दोनों के शवों को उनके परिवारों द्वारा बड़े ही गमगीन माहौल में अलग-अलग दाह संस्कार कर दिया गया ।

          अपने अपने घरों के चिराग थे दोनों

                यमुना नदी में डूबे आशु तथा जयंत अपने-अपने परिवारों में चिराग के रूप में थे । बताया गया कि आशु के परिवार में आशु व उसकी बहन यानी दो बहन भाई थे । जयंत के परिवार में जयंत तथा उसकी दो बहने यानी एक तीन बहन भाई थे । दोनों चिरागों के बुझ जाने से दोनों परिवारों समेत उनके शुभचिंतकों में कोहराम मचा है ।

      यह पहली घटना नहीं है पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है

       यमुना नदी में डूबने से हुई आशु और जयंत की दुखद मौतें पहली मौतें नहीं है , इससे पहले भी कमालपुर तथा अन्य गांव के युवकों की डूबने की घटनाएं हो चुकी हैं । इसका मुख्य कारण अवैध खनन द्वारा बनाए गए गहरे गड्ढे हैं जो कुंड का रूप ले चुके हैं । और यमुना नदि में नहाने वाले लोग अक्सर इनका शिकार होते देखें व सुने गये है ।

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