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ललितपुर न्यूज:- पर्यूषण पर्व में चारों प्रकार की कषाय को छोड़कर कलुषित आत्मा पवित्र कर पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म को किया अंगीकर- विशाल जैन पवाजैन प्रतिभा खोज मंच तालबेहट द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभागियों ने दी भजनों की सुन्दर प्रस्तुति

ललितपुर न्यूज:- पर्यूषण पर्व में चारों प्रकार की कषाय को छोड़कर कलुषित आत्मा पवित्र कर पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म को किया अंगीकर- विशाल जैन पवा

जैन प्रतिभा खोज मंच तालबेहट द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभागियों ने दी भजनों की सुन्दर प्रस्तुति

ललितपुर। आज 26 अगस्त भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की नवमी को दसलक्षण पर्यूषण महापर्व के पांचवें दिन जैन धर्माबलम्बियों ने उत्तम सत्य धर्म को अंगीकार किया। देश में फैली वैश्विक महामारी एवं कोरोना वायरस की मुक्ति एवं विश्वशांति की मंगल भावना के साथ सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में पुजारी शिखर चंद जैन गंज वासौदा, तालबेहट के पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चौधरी चक्रेश जैन एवं वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में अनिल कुमार जैन के नेतृत्व में अभिषेक शांतिधारा का आयोजन किया। श्रद्धालुओं ने घर में ही पूजन विधान किया एवं अष्टमी को निर्वाण लाडू चढ़ाकर जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदन्त स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया। जीवन में सुख-शांति एवं आत्म कल्याण के लिए उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, अाकिंचन और ब्रह्मचर्य आदि दशलक्षण धर्मों का पालन करना होता है, एवं जैन समुदाय में 10 दिन व्रत उपवास करने की परंपरा है। अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने बताया कि उत्तम सत्य पर्यूषण दसलक्षण पर्व का पाँचवाँ दिन होता है, झूठ बोलना बुरे कर्म में बढोत्तरी करता है। सत्य जो 'सत' शब्द से आया है जिसका मतलब है वास्तविकता से है। उत्तम सत्य धर्म हमें यही सिखाता है कि आत्मा की प्रकृति जानने के लिए सत्य आवश्यक है और इसके आधार पर ही परम आनंद मोक्ष को प्राप्त करना मुमकिन है। अपने मन के भावों को सरल और शुद्ध बना लें तो सत्य अपने आप ही आ जाएगा। उत्तम क्षमा दसलक्षण महापर्व का पहला दिन होता है, क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है, जिस पर विजय प्राप्त कर उत्तम क्षमा धर्म आत्मा को सही राह खोजने में और क्षमा को जीवन और व्यवहार में लाना सिखाता है। दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव होता है जिसमें हमें बोध होता है कि धन, दौलत, शान और शौकत ये सभी चीजें नाशवान हैं। नाशवंत चीजें इन्सान को अहंकारी और अभिमानी बना देती हैं, इससे बेहतर है कि अभिमान को छोडा जाये और जीवन में विनम्रता का भाव लाएँ। मान का मर्दन कर मार्दव धर्म को अंगीकार करें। सभी जीवों के प्रति मैत्री-भाव रखें, क्योंकि सभी जीवों को अपना जीवन जीने का अधिकार है। उत्तम आर्जव पर्यूषण दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन होता है, जो हमें बताता है कि सभी को सरल स्वभाव रखना चाहिए, मायाचारी और कपट का त्याग करना चाहिए। मायाचारी के भ्रम में जीना दुखी होने का मूल कारण है। उत्तम आर्जव धर्म हमें सिखाता है कि मोह-माया, बुरे कर्म सब छोड़ कर सरल स्वभाव के साथ परम आनंद मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। उत्तम शौच को पर्यूषण दसलक्षण पर्व का चौथा दिन होता है, जो हमें लोभ न करने की प्रेरणा देता है, बेहतर है कि हम अपने पास जो कुछ है, उसके लिए परमात्मा का शुक्रिया अदा करें और सन्तुष्टि जीव बनकर उसी में काम चलायें। भौतिक संसाधनों और धन- दौलत में खुशी खोजना महज एक भ्रम है। उत्तम शौच धर्म हमें यही सिखाता है कि शुद्ध मन से जितना मिला है, उसी में खुश रहो कहा भी जाता है की लोभ पाप का बाप है। इस प्रकार पर्यूषण पर्व के प्रथम चार दिन में हम चारों प्रकार की कषाय क्रोध मान माया लोभ को छोड़कर कलुषित आत्मा को पवित्र करते हैं। मंदिर की प्रबंध समितियों ने शासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी के साथ और मास्क लगाकर मंदिर के दर्शन करने को कहा। जैन प्रतिभा खोज मंच द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के अंतर्गत 4 से 8 वर्ष के आयु वर्ग वाले 14 बच्चों एंजेल, एनी, इतिशा, आरोही, अर्ची, सात्विक, दक्ष, ओशी, दिशु, जिनिषा, आर्या, अनिका, धृति, भव्या जैन एवं 8 से 14 वर्ष की आयु वर्ग वाले 24 बच्चों ग्रन्थ मोदी, अर्चित, अदिति, अवनि, अान्या, दर्श, स्तुति, पार्थ, अनुकल्प, नव्या, तेसी, अंश, अक्षरा, आशी, अविरल, नमनम, असेष, तथा, वीर, अंश, मान्या, मुद्रा, भूमि, मिति जैन और 14 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले 24 प्रतिभागियों मानस जैन, सुजया मोदी, गुनगुन सतभैया, रौनक चौधरी, नीलू मोदी, रेशू बुखारिया, पद्मा मोदी, स्वीटी बजाज, रूबी चौधरी, अनुश्री मिठया, अनुपम चौधरी, ऋतु जैन, सीमा जैन, श्वेता जैन, माही पवैया, अनिल चौधरी, रोशनी मोदी, आन्या मोदी, रितिका मोदी, समीक्षा मोदी, महक मोदी, महक चौधरी, रश्मि मोदी, निधि जैन ने भजन की सुन्दर, आकर्षक और मनमोहक प्रस्तुतियां दी।

पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट

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