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रि-साइक्लिंग और रि-यूज पॉलिसी के तहत जिला में घरेलू पानी ट्रीटमेंट प्लांट शुरू -डाईकी एक्सिस इंडिया कंपनी द्वारा लगाया गया यह प्लांट प्रतिदिन दस हजार लीटर गंदे पानी को करेगा साफ -उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने अधिकारियों के साथ किया प्लांट का निरीक्षण


 

रि-साइक्लिंग और रि-यूज पॉलिसी के तहत जिला में घरेलू पानी ट्रीटमेंट प्लांट शुरू

-डाईकी एक्सिस इंडिया कंपनी द्वारा लगाया गया यह प्लांट प्रतिदिन दस हजार लीटर गंदे पानी को करेगा साफ

-उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने अधिकारियों के साथ किया प्लांट का निरीक्षण

फतेहाबाद, 11 सितंबर।

रि-साइक्लिंग और रि-यूज की पॉलिसी के तहत जिला में डाईकी एक्सिस इंडिया द्वारा घरेलू पानी ट्रीटमेंट प्लांट स्थानीय पपीहा पार्क में निशुल्क लगाया गया है। इस तरह की देश में पहली मशीन है। यह मशीन जोकासू तकनीकी पर आधारित है, जोकि जापान में गंदे पानी को साफ करने की मुख्य तकनीक है। इस प्लांट का उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने आरंभ करवाकर पायलट प्रोजेक्ट शहरवासियों को सौपा। उपायुक्त ने बताया कि यह प्लांट प्रतिदिन दस हजार लीटर शहर के गंदे पानी को साफ करेगा, जिससे बड़ी मात्रा में पानी की बचत होगी। जिला के विभिन्न स्थानों पर डाईकी एक्सिस इंडिया द्वारा ऐसे प्लांट लगाए जाएंगे। ज्ञात रहे कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष ही रि-साइक्लिंग और रि-यूज की पॉलिसी को अनिवार्य किया है, जिसके तहत इस योजना की शुरूआत जिला में पपीहा पार्क से की गई है।



उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने बताया कि अब स्वच्छ भारत मिशन भी घरों के गंदे पानी के लिए इसको अनिवार्य करता है। यह पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल है। उन्होंने बताया कि व्यर्थ तथा सीवरेज में जा रहे घरेलू पानी का सदुपयोग करने के लिए शहर फतेहाबाद में ट्रीटमेेंट प्लांट (एसटीपी/एमएलडी) की नींव गत माह रखी गई थी। एक माह में यह कार्य सम्पन्न कर जनता को समर्पित किया गया है। 



उपायुक्त ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद स्थिति अनुसार पूरे जिला में इसको विस्तार दिया जाएगा। इस ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को ट्रीट करके इसका रि-यूज किया जाएगा। पानी को बागवानी और गार्डन में इस्तेमाल किया जाएगा। यह ट्रीटमेंट प्लांट छोटे होते हैं, जो घरेलू पानी के जल को ट्रीट करते हैं। इनमें जगह की बचत भी होती है। जिला ने इस कंपनी के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में एनजीटी के सभी दिशा निर्देशों की पालना की गई है और हरियाणा सरकार की रि-यूज पॉलिसी को भी ध्यान में रखा गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद आवश्यकतानुसार गांवों, कस्बों व शहरों में भी प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।



इस मौके पर कंपनी के डीजीएम सुनील सहगल ने उपायुक्त डॉ. बांगड़ का स्वागत करते हुए कहा कि यह मशीन हर महीने तीन लाख लीटर गंदे पानी को साफ करेगी, जिससे इतने ही भूजल और पीने के पानी की बचत होगी। यह मशीन पूर्णरूप से ऑटोमैटिक है और सोलर एनर्जी से भी चल सकती है जोकि इस तरह की भारत में पहली मशीन है। यह मशीन जोकासू तकनीकी पर आधारित है, जोकि जापान में गंदे पानी को साफ करने की मुख्य तकनीक है। यह तकनीक मुख्य रूप से सेडिमें इंटेंशन, अनारोबिक और एरोबिक ट्रीटमेंट के साथ में 


क्लोरिनेशन के माध्यम गंदे पानी को एनजीटी और हरियाणा प्रदूषण बोर्ड के नए मानकों का पूर्ण तह पालन करने में सक्षम है। इस प्लांट में ऑपरेशन का खर्चा और तकनीक के मुकाबले काफी कम आता है और सोलर एनर्जी से स्पोर्ट से और भी कम किया गया है। ये अपनी तरह का प्रदेश में पहला प्रयोग है। 


उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को चालू करवाने के लिए स्वयं उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ व उनकी टीम द्वारा अथक प्रयास किए गए, जिससे यह कार्य बहुत की कम समय में गुणवत्तापूर्वक सम्पन्न करवाया गया है। इस अवसर पर नगराधीश अनुभव मेहता, नप चैयरमेन दर्शन नागपाल, कार्यकारी अभियंता अमित कौशिक, आदर्श सिंगला, एसडीओ आशीष गर्ग, सुमित चोपड़ा, रूपक चौहान, प्रभात, बलविंद्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व वार्ड पार्षद मौजूद रहे।

सलाम खाकी न्यूज फ़तेहाबाद से

 जिला प्रभारी

 उजागर सिह की रिपोर्ट 

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