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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल किसान हितैषी : सांसद दुग्गल


  केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल किसान हितैषी : सांसद दुग्गल

फतेहाबाद, 3 अक्टूबर।

सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए तीनों कानूनों को किसानों के हक में बताते हुए कहा है कि इन कृषि कानूनों से किसानों की आय दौगुनी और तीगुनी होगी। इन कानूनों से किसान बंधनों से मुक्त होकर आर्थिक रूप से मजबूत होगा। सांसद शनिवार को भूना रोड स्थित भाजपा जिला कार्यालय में विधायक दुड़ाराम और जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।



सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि विपक्षी दल अपनी समाप्त हो चुकी जमीन को तलाशने का काम प्रयास कर रहा है और विपक्षी दलों के नेता किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, परन्तु किसान यह भलीभांति समझ चुका है कि ये कृषि कानून किसान और खेती के लिए हितकर है। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि 70 साल तक किसानों के हक में कोई काम न करने वाला दल अब किसानों के हित में लाए गए बिलों को पचा पा नहीं रहा है, उसकी छटपटाहट उनमें देखी जा सकती है। सांसद ने कहा कि कहीं भी किसान इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, विपक्षी दल के कार्यकर्ता ही अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों बारे भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी जाकर किसानों को जागरूक करेगा तथा उनके भ्रांतियों को भी दूर करेगा।



सासंद दुग्गल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार हमेशा से ही किसान हितैषी रही है और किसान व हर वर्ग के लिए अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा किसानों की भलाई के लिए रही है। इसी सोच के चलते प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय को दौगुनी करने का लक्ष्य रखा है। ये जो तीन कृषि कानून बनाए गए हैं, ये कानून इस किसानों की आय को दौगुना और तीगुना करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसान के जीवन में आर्थिक रूप से बड़ा बदलाव लाएंगे और किसान की आय में बढ़ोतरी होगी



उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दौगुना करने व सुविधाओं में वृद्धि के उद्देश्य से बनाए गये ये तीनों कानून पूर्णरूप से किसानों के हित में है। जो राजनीतिक दल किसान विरोधी हैं, वे ही इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं, इनका किसान हित से कोई सरोकार नहीं है। सांसद ने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों कानून को लेकर किया जा रहा है विरोध केवल और केवल अपनी राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति करना है। ऐसे लोग कभी भी किसान के हितैषी नही हो सकते हंै। उन्होंने कहा कि किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि इन कानूनों के आने से किसानों अथवा आढ़तियों को नुकसान होगा, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। इन कानूनों से न तो मंडी व्यवस्था खत्म होगी और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई नकारात्मक असर पड़ेगा। पूर्व की भांति मंडी व्यवस्था चलती रहेगी और किसानों की व्यवस्था एमएसपी पर खरीदी जाएगी।



उन्होंने कहा कि कहा कि इन कानूनों से कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा। किसानों को अपना उत्पाद मंडी तक ले जाने की बाध्यता नहीं होगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा। इसी प्रकार से केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा से किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा। कृषि उत्पादों के लिए एक देश एक बाजार की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि ऊपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) कानून किसानों को उनकी ऊपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की ईजाजत देता है। अब यह सचमुच वन नेशन वन मार्केट होगा।



सांसद सुनीता दुग्गल ने किसानों से आह्वान किया है कि वे परंपरागत खेती के साथ-साथ दूसरी फसलों को भी अपनाएं। फसल विविधिकरण के तहत सरकार ने अनेक योजनाएं लागू की हैं, जिनका किसानों को फायदा उठाना चाहिए। किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित स्वरूप विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है। इस मौके पर विधायक दुड़ाराम, भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, महेश शर्मा, राय शर्मा, जगदीश शर्मा, कंवल चौधरी, हंसराज सचदेवा, बनवारी गहलोत, रामचन्द्र रेहलान, सीमा दत्ता, संजय बंसल, गोल्डी, राम सिंह मांझू, दुर्गेश अरोड़ा, संत कुमार टुटेजा, विकास शर्मा, पार्षद रणजीत ओड, अवतार सिंह मोंगा, केवल मेहता, निर्मल सिंह, अविनाश कंबोज, मनीष जांगड़ा, शम्मी ढींगड़ा आदि मौजूद रहे।

सलाम खाकी न्यूज फ़तेहाबाद से

 जिला प्रभारी 

उजागर सिंह की रिपोर्ट 

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