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सिरसा रोड़ पुलिसकर्मी की पत्नी की हत्या मामले में कोर्ट ने 2 डीएसपी, एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को किया…

 


सिरसा रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी में 16 अप्रैल 2020 में जींद डीएसपी के गनमैन विक्रम द्वारा पत्नी रिंकू की हत्या मामले में दो डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मियों को स्थानीय कोर्ट ने तलब किया है। मामले में मृतका के स्वजनों के अधिवक्ता हरदीप सिंह सुंदरिया और मनमोहन ने 4 फरवरी को एडीजे डॉ. पंकज की अदालत में जांचकर्ता द्वारा सुबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर याचिका दायर की थी।



जिस पर संज्ञान लेते हुए एडीजे डॉ. पकंज की कोर्ट ने 9 फरवरी को डीएसपी अशोक कुमार, जींद के डीएसपी कप्तान सिंह, हिसार सिटी थाना के उस दौरान प्रभारी रहे विनोद कुमार, एएसआई सतपाल, एएसआई सुमन कुमारी, एएसआई सुमेर सिंह, एएसआई राजू, सीन ऑफ क्राइम डा. अजय, हेडकांस्टेबल बनवारी लाल को तलब किया है। वहीं कोर्ट ने हिसार रेंज आईजी व एसपी से मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। पीड़ित पक्ष के वकील ने सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 193, 156, 173 के तहत कार्रवाई की मांग की है।



सिरसा रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी में 16 अप्रैल 2020 की सुबह जींद डीएसपी कप्तान सिंह के गनमैन विक्रम ने झगड़े के बाद अपनी पत्नी रिंकू की हत्या कर दी थी। उस दौरान बताया गया था कि विक्रम ने अपनी पत्नी पर सोटे से वार किया था। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने खुद ही अपनी ससुराल, पुलिस और एंबुलेंस के पास फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लिया था।



मामले में पीड़ितों के वकील हरदीप सिंह सुंदरिया और मनमोहन ने बताया कि जज ने ऑर्डर में भी टिप्पणी की है कि जांच अधिकारी ने उम्मीदों को तोड़ते हुए निष्पक्ष जांच ना करते हुए अपने विभाग के कर्मचारी को बचाने का प्रयास किया है साथ ही वारदात में प्रयुक्त हथियार को छुपाने का प्रयास किया है।



मामले में भिवानी के गोकलपुरा गांव निवासी मृतका रिंकू के भाई प्रदीप ने एसपी, आईजी को शिकायत देने के साथ ही सीएम विंडो में शिकायत दी थी। स्वजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए चालान में सोटे मारने का हवाला दिया गया। उपरोक्त सभी पुलिसकर्मियों ने सबूतों से छेड़छाड़ कर मुजरिम काे लाभ दिलाने का प्रयास किया है। वहीं इस मामले में मामले में डीएसपी अभिमन्यु को जांच सौंपी गई थी।



अधिवक्ता हरदीप ने बताया कि सर्विस रिवाल्वर से चोट ना दिखाकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सोटे से चोट दिखाई गई। इस बात का यह फायदा यह मिलता की, वकील भविष्य में यह कह सकते थे कि पोस्टमार्टम विसरा रिपोर्ट में गोली से हत्या की बात सामने आई है। जबकि पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए चालान में सोटे मारने का हवाला दिया गया था। कोर्ट में यह मामला संदेह के तौर पर देखा जाता, जिससे मुजरिम को संदेह का लाभ मिल जाता। संदेह के मामलों में मुजरिम को बरी कर दिया जाता है।



डीएसपी हिसार अभिमन्यू ने बताया कि विसरा रिपोर्ट में गन पाउडर की बात सामने आई थी। आरोपित विक्रम को प्रोडक्टशन वारंट पर लेकर मामले में पूछताछ की जाएगी।



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