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लोगों की सुकून की नींद के लिए रातों में जागता हैं वो...! सादी वर्दी में रात को अकेले निकलते है पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन

 


वैसे तो पुलिस के हर जवान का सुख-आराम, नींद और चैन जनता की सेवा, सुरक्षा को समर्पित रहता है। पुलिस जागती है, तभी आमजन सुकून से सो पाता है। पुलिस सक्रिय रहती है, तभी असामाजिक तत्वों के हौंसले टूटते है। जहां पुलिस निष्क्रिय होती है, वहां अराजकता फैल जाती है। मातहत पुलिस जवानों की हौंसला अफजाई के लिए जब पुलिस कप्तान भी रातों को सड़क पर निकलने लगे, तब उस क्षेत्र के लोगों के भाग्य से दूसरों को इष्र्या होना भी लाजिमी है। अपनी अलग कार्यशैली के लिए विख्यात पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन सिरसा जिलावासियों की सेवा को पूरी तरह से समर्पित है। उनका दिन लोगों की समस्याएं सुनने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में ही व्यतीत हो जाता है। मगर, रात्रि में वे आराम करने और नींद लेने की बजाए अकेले ही सादी वर्दी में आम आदमी की भांति सड़कों पर निकल जाते है। कभी किसी रोड पर और कभी दूसरी रोड पर। कभी किसी थाने और कभी किसी नाके पर। पुलिस अधीक्षक डा. जैन का यूं निकल जाना पुलिस महकमे में उन कत्र्तव्यनिष्ठ कर्मियों को बहुत भा रहा है, जो समर्पित भाव से कार्य करते है। मगर, उन कर्मचारियों को परेशानी होने लगी है, जोकि फरलो मार जाते थे। पुलिस अधीक्षक द्वारा रात्रि में कानून-व्यवस्था का जायजा लेने और व्यवहारिक रूप से स्थिति का आंकलन करने की वजह से असामाजिक तत्वों पर भी इसका असर देखने को मिला है। जहां जिला पुलिस अधिक सक्रिय हुई है, वहीं अपराधियों के हौंसले पस्त हुए है। डा. जैन जिला पुलिस की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिर्वतन लाने की ठाने हुए है। जिस प्रकार के धरातली प्रयास उनकी ओर से किए जा रहे है, उसके निकट भविष्य में बेहतर परिणाम सामने आने तय है।

दो माह में रिकार्ड उपलब्धि

 सिरसा में पुलिस अधीक्षक के रूप में डा. अर्पित जैन ने 13 जुलाई को अपना कार्यभार संभाला था। चार दिन पूर्व उन्हें दो माह हुए है। लेकिन इस दो माह की अल्प अवधि में जिला पुलिस की रिकार्ड उपलब्धियां रहीं। उन्होंने जिला के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों पर विश्वास जताया और उन्हें खुले हाथों से काम करने की आजादी दी। इसी का परिणाम है कि जिला पुलिस की सफलता का ग्राफ बढ़ता ही चला गया। इन दो माह में जो भी आपराधिक वारदात घटित हुई, अल्प समय में उसकी गुत्थी सुलझा ली गई। मामला भले सिरसा के सीमेंट-रेता विक्रेता की दुकान से नकदी लूट ले जाने का हो या गांव धोत्तड़ में नाबालिगा के अपहरण और ब्लाइंड मर्डर का हो। पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन की अगुवाई में पुलिस ने इन आपराधिक वारदातों के पीछे रहे लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया। लंबे अरसे बाद सिरसा को डा. जैन के रूप में ऐसा पुलिस अधिकारी मिला है, जोकि आमजन की पीड़ा को गहराई से समझता है और उसके निदान के लिए प्रयास करता है।


हरियाणा प्रभारी मनीष वर्मा की रिपोर्ट

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