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स्वस्थ जीवन व निर्मल चरित्र के लिये जीवन में योग की साधना आवश्यक : पुलिस अधीक्षक



स्वस्थ जीवन व निर्मल चरित्र के लिये जीवन में योग की साधना आवश्यक : पुलिस अधीक्षक


ललितपुर ( उ०प्र० )  योगदा सत्संग समिति ललितपुर के तत्वाधान में परमहंस योगानंद जी के 125वीं जन्मवर्ष के उपलक्ष्य में आज नेहरू महाविद्यालय तुलसी सभागार में परमहंस योगानंद जी के जीवन दर्शन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।


           विचार गोष्ठी का शुभारम्भ सदर विधायक रामरतन कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम. बेग, महाविद्यालय के प्रबंधक प्रदीप चौबे, प्राचार्य डा.अवधेश अग्रवाल, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश शास्त्री, योगदा सत्संग समिति के अध्यक्ष डा.रमेश किलेदार ने परमहंस योगानंद के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस अवसर पर संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए सदर विधायक रामरतन कुशवाहा ने कहा कि जीवात्मा और परमात्मा के मध्य माया का पर्दा पड़ा हुआ है। इसी पर्दे को पार करने हेतु योग दर्शन की विवेचना की गई है। जिससे माया को पार कर आत्मा-परमात्मा को प्राप्त कर शाश्वत शांति प्राप्त करती है।



 उन्होंने कहा कि भारत के महापुरूषों की श्रृंखला में परमहंस योगानंद जी योग विद्या के प्रचार प्रसार के लिए हमेशा याद किए जायेंगे। पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम. बेग ने कहा कि भारत देश महापुरूषों, योगियों एवं संतो का देश है। हमारे पुराणों में संतों, महात्माओं ने स्वस्थ जीवन व निर्मल चरित्र के लिये जीवन में योग की साधना की है। आज समय आ गया है कि हम योग विद्या के द्वारा महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों के जीवन में आरोग्यता एवं श्रेष्ठ चरित्र के लिये इस योग विद्या का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि परमहंस योगानंद जी ने अपने समय में सम्पूर्ण विष्व में योग विद्या की स्थापना की थी।


          नेमवि प्रबंधक प्रदीप चौबे ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी संसार में आत्मशांति, आत्म विश्वास एवं परमात्मा की ओर ले जाने में योगासन एवं ध्यान की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि योग विद्या भारतीय संस्कृति की करोड़ो वर्ष पुरानी पद्धति है। आज वैज्ञानिक युग में लोग इसके विलक्षण अनुभव को भूलते जा रहे हैं तथा तरह-तरह की बीमारियों के शिकंजे में जकड़ रहे हैं। यदि आज का मानव दवाइयों के स्थान पर योगासन, प्राणायाम आदि का सहारा ले तो उसका जीवन रोगविहीन हो सकता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष नेमवि के प्राचार्य डा.अवधेश अग्रवाल ने कहा कि आधाधापी भरे जीवन में यदि मनुष्य को अपना जीवन सुखमय बनाना है तो उसे योग क्रिया की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि यदि छात्र बचपन से ही अपने जीवन में विभिन्न योगासन करता रहे तो उससे छात्रों का मानसिक विकास, स्मरण शक्ति, आत्म विश्वास, दृढ़ संकल्प शक्ति तथा श्रेष्ठ ऊर्जा प्राप्त होती है।  संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि योग विद्या पूरी तरह वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। भारत में जन्मी इस विद्या को संसार के सभी देशों ने ग्रहण किया। आज पूरे विश्व में मनुश्य अपना जीवन सुखमय बनाने के लिये योग की ओर उन्मुख हो रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के शरीर में काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर रूपी जो छ शत्रु निवास करते हैं। योगदा सत्संग समिति के अध्यक्ष डा.रमेश किलेदार ने कहा कि परमहंस योगानंद जी ने देश एवं विदेश में योग विद्या की प्रतिष्ठा को स्थापित करते हुए युवा वर्ग को संदेश दिया था कि यदि हम योग विद्या का आश्रय लेंगे तो मन, बुद्धि, आत्मा एवं शरीर स्वस्थ रहेगा जिससे हम राष्ट्र की सेवा में सदा समर्पित रहेंगे। योग न केवल शरीर को स्वस्थ करने की विद्या है, अपितु योग से मनुष्य को मानसिक सुख, शांति प्राप्त हो सकती है। मनुष्य मन, कर्म और विचार की शुद्धता हेतु वर्तमान चुनौतियों का योग का सहारा लेकर सामना कर सकता है। इससे विद्यार्थियों में योग के प्रति जागरूकता आयेगी जिससे छात्र-छात्राओं के मन, बुद्धि एवं शरीर स्वस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि योग में व्यवहार शुद्धि के लिये यम, जीवन शुद्धि के लिये नियम, शरीर शुद्धि के लिये आसन, प्राणशक्ति को मजबूत करने के लिये प्राणायाम, इंद्रियों को वश में करने के लिये प्रत्याहार, चित्त की षुद्धि के लिये धारणा तथा परमात्मा को प्राप्त करने के लिये ध्यान और समाधि की आवश्यकता है। इस अवसर पर समाजसेवी मनमोहन जडिय़ा, ओमप्रकाश बिरथरे, महेश श्रीवास्तव भैया, डा.दीपक चौबे, डा.अनिल सूर्यवंशी, डा.रामकुमार रिछारिया, डा.शैलेन्द्र सिंह चौहान, डा.प्रीति सिरौठिया, डा.दीपक पाठक, डा. विनीत अग्निहोत्री, डा.विनोद कुमार, संदीप श्रीवास्तव, स्वीकृति वैद्य, डा.अनूप दीक्षित, डा.वर्शाा साहू, उत्तम वर्मा, प्रीतम सिंह राजपूत, फहीम बख्श, विवेक पाराशर, धु्रव किलेदार, राजीव गोस्वामी, डा.अरूण किलेदार, राजेन्द्र गुप्ता, अमरकांत गौर, सीएल गुप्ता, रामविलास तिवारी, कौशल किशोर गोस्वामी, नवल सोनी, प्रकाश डयोढिय़ा, संजय मोदी, महेश साहू, अनिल साहू, कमल रिछारिया, किशोरी साहू, शशि, सीता डयोढिय़ा, डा.रामू, दीप्ति, प्रीति जैन, नेहा, मनीशा, फूलचंद रजक, अरविन्द जैन, शैलेष जैन, रवि चुनगी, रामजी किलेदार, बॉबी किलेदार, अनुज किलेदार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.दीपक पाठक ने किया अंत में डा.रमेश किलेदार ने सभी का आभार जताया।


सलाम खाकी न्यूज से यूपी हेड
मानसिंह के साथ पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट

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