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मन्नताओं की आस्था का केंद्र है शामली के झिझांना मे स्थित महमूद हसन सब्जवारी की दरगाह

मन्नताओं की आस्था के चलते महमूद हसन सब्जवारी की दरगाह पर आज श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए पंखे 

महमूद हसन सब्जवारी की दरगाह आज भी उत्तर प्रदेश के शामली जनपद मुख्‍यालय से 12 किलोमीटर दूर पश्चिम में करनाल हाईवे पर बसे कस्बा झिंझाना के अंदर थाने के पीछे मौजूद है । 


कस्बे में श्रद्धालुओं के यहां से पंखों को इकट्ठा कर बैंड बाजों के साथ एक जुलूस की शक्ल में दरगाह तक ले जाते है पंखों को । इस मौके पर आज झिंझाना, शामली , कैराना , जलालाबाद आदि कस्बों से आये अखाडों के कलाकारों ने हैरत अंग्रेज कारनामे दिखाये ।


महमूद हसन सब्जवारी की इस दरगाह पर 2 दिन पूर्व मोहर्रम के अवसर पर मेले का किया गया था उद्घाटन , जो करीब 4 अक्टूबर तक चलेगा । इसमे कव्वाली , मुकाबला कव्वाली , आल इंडिया मुशायरा आदि का शानदार आयोजन होता है ।  

खास तौर पर दौरे पडने की स्थिती मे सुदूर स्थानों से यहा दरगाह पर पहुंचकर बेडी बंधवाने व साथ - साथ बेडिया कटवाने की मान्यताएं है । जिसके लिए खास तौर पर सोमवार व जुमेरात का दिन निश्चित होता है ।

मुस्लिम ही नहीं वरन हिंदू भाई भी सुदूर स्‍थानों से यहा झिंझाना पहुँच कर करते है इस दरगाह पर सजदा और चादर पोशी ।





सलाम खाकी से समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट 

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