देश - प्रदेश की किसान नीति अभी बहुत कमजोर है - राकेश टिकैत
झिंझाना शामली 28 सितंबर 2019
झिंझाना में हजरत महमूद हसन सब्जवारी दरगाह पर चल रहे 853 वें उर्स के मेले में आज शनिवार को देर शाम आयोजित ऑल इंडिया मुशायरा में शमा रोशन के अवसर पर अपने साथियों के साथ पहुंचे भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत
उससे पूर्व झिंझाना नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष आशीष मित्तल के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज के समय बेबी किसान परेशान हैं गन्ना भुगतान समय पर नहीं हो रहा है उन्होंने साफ कहा कि जब तक मिल मालिकों को जेल जाने का डर नहीं सताएगा तब तक किसानों का गन्ना भुगतान समय से और बेहतर ढंग से नहीं हो सकता ।
* मेले मे ऑल इंडिया मुशायरा के उद्घाटन अवसर पर झिंझाना में व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष आशीष मित्तल के आवास पर पहुंचे थे राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदेश में किसान खुशहाल नहीं है प्रधानमंत्री की पायलट परियोजना के अनुसार यदि किसानों को भी कार्ड नीति से भी जोड़ा गया तो किसान को फायदा हो सकता है । गन्ना भुगतान के ऊपर टिकैत असंतुष्ट दिखाई दिए उन्होंने साफ कहा की कुर्की वगैरह या दूसरी कार्रवाई से काम चलने वाला नहीं है । जब तक मिल मालिकों के अंदर जेल जाने का डर नहीं होगा , तब तक किसानों के भुगतान में कोई सुधार होने वाला नहीं है ।
बिजली की बढ़ी दरों के ऊपर ने कहा कि सरकार को बिजली के रेट के साथ सोलर पैनल के ऊपर भी सब्सिडी देनी चाहिए । दूध नीति के ऊपर भी टिकैत ने कहा कि यदि नीति लागू होती है तो देश के 15 करोड़ दूध व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे ।
जल संचय के बारे में उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों की साठि धान पर पंजाब और हिमाचल की तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए और किसानों को भी चाहिए कि वह मानकों के आधार पर गन्ने जैसी फसल का उत्पादन करें और देश हित में जल बचाएं । उन्होंने प्रदेश के अंदर किसान नीति चलाए जाने पर जोर दिया नशा मुक्ति के ऊपर टिकैत ने साफ किया कि नशा फसल और किसान दोनों के लिए नुकसानदायक है । इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कपिल खतियान शामली के नगर अध्यक्ष योगेंद्र पवार और जिला सचिव दीपक शर्मा ओमवीर पटवारी संजीव राठी तथा व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष आशीष मित्तल , शानू नामदेव , अश्वनी शर्मा उर्फ काका शर्मा , विनोद रुहेला आदि व्यापारी गण मौजूद रहे ।
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