*माँ और माँ के सभी नौ रूपों को समर्पित,* उन्हीं की प्रेरणा से मेरी ख़ुद की लेखनी से निर्गत *चन्द लाइनें आपको सादर प्रेषित हैं...*
*माँ ! तुम मन की मज़बूती हो !*
*तुम हर जीवन को छूती हो।*
*तुम हर पापों को धोती हो,*
*तुम हर अनाथ की होती हो !*
*हर कण में तुम, हर क्षण में तुम*
*हर जीवन हर धड़कन में तुम।*
*तुम ही से जीवन सुन्दर है,*
*तू सूरज और समंदर है !*
*माँ-जैसा कोई हो न सका,*
*मन के तापों को धो न सका।*
*जीवन के प्यारे खेतों में,*
*सुख इतना कोई बो न सका !*
*तुम अच्छी हो, तुम प्यारी हो,*
*तुम भोली हो, तुम न्यारी हो।*
*समता-ममता की मूरत हो,*
*जीवन पर जीवन वारी हो !*
*क्या कहूँ तुम्हें माँ ! कैसी हो !*
*माँ हो तुम ! ‘माँ’ के जैसी हो !*
*तुम मानसरोवर, मानस हो,*
*तुम पारसमणि के जैसी हो !*
*तुम शैलसुता, तुम ज्ञानी हो,*
*तुम ही चन्द्रघण्टा रानी हो।*
*कूष्माण्डा हो, तुम माता हो,*
*तुम ही तो माँ कात्यायनी हो !*
*तुम कालरात्रि, तुम गौरी हो,*
*तुम शिव-शंकर की प्यारी हो।*
*बिन माँगे सिद्धि-प्रदाता हो,*
*तुम माताओं की माता हो !*
*🌿शारदीय नवरात्रि* के इस पावन पर्व पर मैं आपको अनगिनत *हार्दिक शुभकामनाएँ * प्रेषित करता हूँ🌿... जय हिन्द !
*सादर प्रेषित...*
*अजय कुमार, एसपी शामली*
सलाम खाकी के साथ मां भगवती को समर्पित शामली एसपी महोदय अजय कुमार जी के भक्ति भाव
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