अध्यापकों की कमी से बच्चों का भविष्य अंधेरे में
प्राथमिक विद्यालय पठला खेरा (बिल्ला) का मामला
ललितपुर (उ०प्र०) 25 अक्टूबर 2019
सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या अधिक से अधिक हो इसके लिए प्रदेश सरकार शिक्षा के नाम पर लाखों रुपए खर्च करती है और सर्व शिक्षा अभियान चलाती है जिसके तहत स्कूल चलो जागरूकता रैली , नाटक, कराए जाते हैं और उनके माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को समझाया जाता है कि वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए और अच्छी शिक्षा अध्ययन कराएं । और जब सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए अध्यापक ही ना हो तो फिर बच्चे स्कूल में जाकर क्या करेंगे ।
तहसील महरौनी के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिल्ला के मजरा प्राथमिक विद्यालय पठला खेरा विद्यालय अध्यापकों की कमी से जूझ रहा है यह विधालय केवल एक ही अध्यापक के सहारे चल रहा है इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है स्कूल में अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई ठीक तरीके से नहीं हो पा रही है जिससे उनका भविष्य खतरे में है कहने को तो प्राथमिक विद्यालय बच्चों की नीव मानी जाती ह और अगर जब बच्चों की नीव ही कमजोर हो तो उनका भविष्य कैसे समरेगा बता दें कि इस विद्यालय में कुल 101 बच्चे अध्ययनरत है जिसमें कक्षा एक में 30 बच्चे कक्षा दो में 20 बच्चे कक्षा तीन में 23 बच्चे कक्षा चार में 17 बच्चे और कक्षा 5 में कुल 11 बच्चे हैं और इन सभी बच्चों को केवल एक ही अध्यापक पर आ रहे हैं ।
जिनका नाम ऋषभ कुमार जैन है जो कि एक सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में अध्यापकों की कमी होने के कारण हमारे बच्चो की पढ़ाई ठीक तरीके से नहीं हो पा रही है उनका कहना है कि जब स्कूल में अध्यापक ही ना हो तो फिर क्यों अपने बच्चे स्कूलों में भेजें उनका कहना है कि विद्यालय में एक अध्यापक होने से वह सभी बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं जिससे बच्चे आपस में लड़ाई झगड़े करने लगते हैं बच्चों के अभिभावकों का करना है कि हम लोग गरीब हैं जिस कारण अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते हैं और हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं उनका कहना है कि हमारे बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
उन्होंने संबंधित विभाग का ध्यान आकर्षित करना चाहा है और स्कूल में अध्यापकों की तैनाती की मांग की है
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