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ललितपुर के वर्णी नगर में आयोजित किये जा रहे मज्जिनेंद्र चौबीसी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

पांडुकशिला पर किया गया बालक आदिनाथ का कलशाभिषेक





ललितपुर (उ०प्र०) 14 नवम्बर 2019

वर्णी नगर में आयोजित किये जा रहे मज्जिनेंद्र चौबीसी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तृतीय दिवस के अवसर पर बालक आदिनाथ का जन्मकल्याणक मनाया गया बालक आदिनाथ के जन्म पर सौधर्म इंद्र ने बालक को हाथी पर सवार कर पांडुकशिला पर 1008कलशों से अभिषेक किया गया जन्मकल्याणक के शुभ अवसर पर महाआरती करने का सौभाग्य अशोक कुमार,बॉबी,डोलू,राजू,रानू बजाज परिवार को प्राप्त हुआ।


      तृतीय दिवस के कार्यक्रम में प्रातःकाल जैसे ही अयोध्या नगरी को बालक आदिनाथ के जन्म की सूचना मिली चहुँओर खुशियां छा गयी घण्टे घड़ियालों से अयोध्या नगरी गुंजायमान हो गयी सौधर्म इंद्र कुबेर आदि इन्द्रो ने अपनी इंद्राणियों के साथ पहुँच महाराज नाभिराय को बालक के जन्म की शुभ सूचना दी ख़ुशी में कुबेर ने अपना खजाना खोल दिया और किमिछित दान किया इस दौरान नगर के सभी दिव्यघोषों ने अपने क्रम के अनुसार से इंद्रसभा में पहुँच बधाइयाँ बजायी ततपश्चात सौधर्म इंद्र ने शची इन्द्राणी को मायावी बालक आदिकुमार को लाने हेतु आदेशित किया शची इन्द्राणी ने माता मरुदेवी के महल पहुँच प्रसूति गृह से बालक आदिकुमार को लाया गया सौधर्म इंद्र जैसे ही बालक आदिकुमार के दर्शन किये वह भाव विह्वल हो गया और बालक आदिकुमार को अपनी गोदी में लेने के लिए लालायित हो गया लेकिन शची इन्द्राणी द्वारा बालक को सौधर्म इंद्र के हाथों में सौंपने को आनाकानी करने पर सौधर्म इंद्र बालक आदिकुमार को अपनी गोदी में लिए शची इन्द्राणी के कदमों में नतमस्तक हो गया तो शची इन्द्राणी ने जैसे ही बालक आदिकुमार को सौधर्म इंद्र की गोदी में सौंपा सौधर्म इंद्र ख़ुशी में नाचने लगे उसने अपनी इन्द्राणी के साथ स्वर्ग में जोरदार बधाई नृत्य करते हुए सभी समितियों को न्योछावर राशि की घोषणा की ओर बालक आदिकुमार को 1008 कलशों से अभिषेक करने को पांडुकशिला पर ले जाया गया ।


निकाली गयी नगर में भव्य विशाल शोभायात्रा-

   दोपहर की वेला में बालक आदिकुमार के जन्म के उपलक्ष्य में अयोध्यानगरी से एक भव्य विशाल शोभायात्रा निकाली गयी जो पंचकल्याणक महोत्सव स्थल(अयोध्या नगरी) से प्रारंभ होकर माता पिता बने कस्वे के दानवीर डॉ विरधी चन्द्र लक्ष्मी देवी के निवास होते हुए महावीर विद्या विहार तक ले जायी गयी शोभायात्रा में ऐरावत हाथी पर सवार होकर सौधर्म इंद्र बालक आदिकुमार को अपनी गोदी में लेकर चल रहे थे साथ ही अन्य दो हाथियों पर कुबेर इंद्र श्रवण कुमार जैन परिवार व् डॉ विकास विशाल जी सपरिवार चल रहेअन्य इंद्र गण अपनी घुड़बघ्घियों पर सवार होकर हर्षोल्लास से चल रहे थे कुबेर इंद्र अपनी इन्द्राणी के साथ अपना खजाना प्रजाजनों में लुटाते हुए चल रहे थें इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम रखते हुए जगह जगह नगरवासियों ने शोभायात्रा में शामिल श्रावकों को सेवफ़ल का वितरण किये इस विशाल शोभायात्रा में कर्नाटक से आये सांस्कृतिक ढोल के साथ ही नगर की सभी स्वयंसेवी संस्थाएं जैन युवा जाग्रती सेवा समिति,स्वस्ति महिला मंडल,सर्वोदय बालिका मण्डल,समय कीर्ती शिक्षक महिला मंडल,नेमिनाथ सेवा मंडल,आदिनाथ सेवा संघ आदि क्रम बद्ध होकर समिति द्वारा निर्धारित स्थान पर चल रहे थे

1008 कलशों से किया गया बालक आदिकुमार का कलशाभिषेक-
शोभायात्रा के महावीर विद्या विहार पहुँचने पर बालक आदिनाथ को पांडुकशिला पर विराजमान कर सौधर्म इंद्र व् अन्य इंद्र इंद्राणियों के साथ ही कलश की पात्रता लेने वाले श्रावकों ने बालक आदिकुमार के मस्तक पर 1008 कलशों से कलशाभिषेक किया गया इस दौरान हजारों जैन अजैन बन्धुओं इस जन्म कलशाभिषेक महोत्सव को अपनी आँखों से निहारते हुए धर्मलाभ लिया ।

निंदा उसी की होती है जो जिन्दा होता है


जन्म कल्याणक के शुभ अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री सुप्रभ सागर जी ने कहा कि जिंदगी में कुछ ऐसा करो कि तुम्हारे नाम से ही सब काम हो जाये

जिंदगी तो हर जीव को मिलती है लेकिन बंदगी हर जीव को नहीं मिलती-मुनि सुप्रभ सागर
स्वर्गो के देव जिस के लिए तरसते हैं वह मनुष्य भव है क्योकिं मनुष्य पर्याय ही है जो भगवान बन सकती है लेकिन हम अपनी मनुष्य पर्याय को समझ नही पाये जिंदगी तो सबको मिलती है बन्दगी सभी को नही मिलती है नाभिराय मरुदेवी के घर में तीन लोक के कल्याण करने वाले बालक का जन्म हुआ ऐसे बालक का जन्म होते ही सभी ओर हर्ष छा गया स्वर्गो के इंद्र भी अपने सब कार्य छोड़ बालक आदिकुमार के अभिनंदन को एकत्रित हो गये जन्म तो हर कोई लेता है लेकिन हर किसी को कोई याद नहीं करता याद उसी को किया जाता है जो हर जीव पर दया भाव रखता है आदिनाथ से लेकर वर्धमान तक उन्हें सारी दुनिया याद करती है क्योंकि उन्होंने अहिंसा को ही अपना उद्देश्य बनाया बिना पुण्य के हमें मनुष्य पर्याय नहीं मिली पुण्य से ही मनुष्य सिद्ध पद की प्राप्ति होती है जिन्होंने आज तक कुछ हट के लिया और हट के दिया जो हट के जिया उसे ही दुनिया याद करती है सुदामा जो मुठ्ठी भर चावल स्वयं खाता था उसके हाथ से उन्हीं मुठ्ठी भर चावल को श्री कृष्ण ने खाया,साबरी के जूठे बेर भी भगवान राम ने खाये जन्म तो हर किसी का होता है पर कोई ताली तक नहीं बजती यहाँ तो कृतिम बालक का जन्म हुआ तो लाखों बाद्य यंत्र बज रहे हैं तो यह जीव का पुण्य है जो बगैर कुछ के ही लोग खुशियां मना रहे हैं

आज आयोजित होगा तप कल्याणक महोत्सव-


महोत्सव के मीडिया प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज शुक्रवार को महोत्सव में चतुर्थ दिवस की क्रिया में तपकल्याणक के संस्कार की क्रियाएं की जायेगी उन्होंने बताया कि महोत्सव में प्रतिदिन की भोजन व्यवस्था हेतु जैन युवा जाग्रती सेवा समिति द्वारा बहुत ही अच्छी व्यवस्थाएं बनायी जा रही जिसकी सभी आगंतुकों द्वारा प्रसंसा की जा रही है शोभायात्रा में पुलिस अधीक्षक ललितपुर के निर्देशानुसार सुरक्षा व्यवस्था हेतु नियुक्त किये गए प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में थाना गिरार,मदनपुर,सोजना आदि जनपद के थानों के पुलिस बल द्वारा पूर्ण मनोयोग से महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था कायम रखी जा रही है।


  सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह / मानसिंह की रिपोर्ट 

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