सरकार निरंकुश तो विपक्ष दिशाहीन- आत्माराम त्रिपाठी
लखनऊ:- आज भले ही सरकार हर मोर्चे पर फेल है फिर चाहे वह किसानों की समास्या हो या बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की समास्या, य भूमाफियाओं सहित पूरे प्रदेश में अबैध बालू खनन का य छात्रों के भविष्य का सवाल हो अपराध भ्रष्टाचार चरम पर भय भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना करना बेइमानी है। वहीं दूसरी ओर जो वास्तव में सरकार को दिशा देने कार्य करते हैं जिनके कंधों पर सरकार के गलतकार्यो गलत नीतियों का विरोध करने उसे रोकने सरकार को सही मार्ग दिखाने जनता को अहसास कराने की अगर सरकार निरंकुश हो गई है तो वह घबड़ाए नहीं उसे सही रास्ता पे लाएंगे और आमजन को भय भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।पर यहां इनसबके इतर सस्ती आधार बिहीन मुद्दे बिहीन कोई गिरफ्तारी की राजनीति कर रहा है तो कोई पैदल मार्च कोई साइकिल पे सवार होकर तो कुछ ज्ञापन देने की राजनीति कर रहे हैं। पर क्या इमानदारी से विपक्ष ने जमीन पर उतर कर समास्याओं से रूबरू होने की कोशिश की किसान, छात्रों, मजदूरों, के पीड़ा को समझने का प्रयास किया जिनसे आम जनमानस सीधा प्रभावित हो रहा उसे समझने व सरकार को उस समास्या से अवगत कराने का प्रयास किया क्या सरकार के सामने ऐसे मुद्दों को उठाने की कोशिश की। यहां तो सिर्फ कैसे शोसलमीडिया अखबार के पन्नों में व अन्य संचार साधनों में प्रकाशित हो लोग देखे पर धरातल पे पैदा हो रही मूल भूत समास्याओं से किसी का कोई सारोकार नहीं है और इसी विखराव कमजोरी का फायदा सरकार उठाती हैं जिसकारण हम यह कहने में कोई संकोच नहीं करते हैं की अगर सरकार निरंकुश है तो विपक्ष भी दिशाहीन हो गया जिसका सीधा फायदा सरकार को मिल रहा है और नुकसान देस प्रदेश सहित आमजनमानस का।
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