दारोगा ने नहीं सुनी पत्नी की बात तो थाने पहुंचा मामला, अब ड्यूटी से ज्यादा समय देंगे पत्नी को
दारोगा ने नहीं सुनी पत्नी की बात तो थाने पहुंचा मामला, अब ड्यूटी से ज्यादा समय देंगे पत्नी को
दूसरों के मामलों को निपटाने वाले दारोगा जी अपनी पत्नी की ही नहीं सुन रहे थे। अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पित दारोगा जी पत्नी को समय भी नहीं दे पा रहे थे। लंबे समय से उनका यह रवैया पत्नी को अखर गया। दोनों के बीच रार हो गई। पत्नी की शिकायत पर मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गया। केंद्र से फोन आने पर दारोगा भी दौड़ते हुए पहुंचे तो सामने पत्नी को पाया। काउंसलर ने दोनों को समझा-बुझाकर राजीनामा करवाया। दारोगा ने पत्नी को समय देने का वादा किया। इसके बाद दोनों केंद्र से सीधे ताजनगरी घूमने के लिए निकले।
परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे सात मामलों में सुलह कराई गई। वहीं दो मामलों में एफआईआर के लिए लिखा गया है। ऐसा ही एक मामला दारोगा जी का पहुंचा। ताजनगरी के एक थाने में तैनात दारोगा जी की शादी को अभी दो साल ही हुए हैं। शादी के कुछ महीने तक तो सबकुछ ठीक रहा। लेकिन बाद में उनका देर से घर आना और जल्दी जाना समस्या बनने लगा। काम के बोझ के चलते दारोगा पत्नी को समय नहीं दे पा रहे हैं। रात में घर आने के बाद भी उनके मोबाइल की घंटी बजती रहती। पत्नी कुछ पल भी उनसे बात नहीं कर पा रही थी। पत्नी ने अपनी बात भी उनके सामने रखी, लेकिन काम में व्यस्त पति ने कोई सुनवाई नहीं की। डेढ़ साल से दारोगा जी का यही रवैया चल रहा है। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। पत्नी ने परामर्श केंद्र का सहारा लिया। केंद्र से फोन पहुंचने पर दारोगा वर्दी में दौड़ते हुए पहुंचे। सामने पत्नी बैठी मिलीं। उनकी काउंसलिंग शुरू की गई। पति ने कहा कि लोगों की बहुत समस्याएं हैं, उनकी सुनवाई में समय नहीं मिल पाता। अपने काम का हवाला दिया तो पत्नी ने पति की जिम्मेदारी की बात बोली। दोनों के बीच सामंजस्य नहीं बन पा रहा था। काउंसलर ने दोनों पक्षों को बारी-बारी सुनकर उनका निराकरण किया।
समय देने पर बनी बात
काउंसलर ने पति से पत्नी को समय देने की बात बोली। साथ ही पत्नी को भी समझाया कि एक दारोगा की समाज के प्रति क्या जिम्मेदारी होती है, उसे दूसरों के घरों की भी रक्षा करनी होती है। वह भी अपने पति के जॉब को ध्यान में रखकर व्यवहार करें। पति ने भी भविष्य में पत्नी का ध्यान रखने की बात कही। इसके बाद दोनों तरफ से गिले शिकवे दूर हुए। काउंसलर ने दंपति को सलाह दी कि यहां से कहीं घूमने जाओ। कहीं किसी रेस्टोरेंट में जाएं। आपस में दिनभर बात करें। दंपति इसके लिए तैयार हो गए और दोनों केंद्र से घूमने निकल गए। परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि केंद्र पर रविवार को 25 मामलों से जुड़े लोग पहुंचे। सात जोड़ों में काउंसलिंग कराकर राजीनामा कराया गया। दो मामलों में एफआईआर के लिए लिखा गया है। चार मामलों में लोगों ने फाइल निस्तारित करा ली। 12 मामलों में एक ही पक्ष आने पर अगली तारीख दी गई है।
सलाम खाकी न्यूज़
No comments:
Post a Comment