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*पुलिस उप महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक हिसार श्री बलवान सिंह राणा,आईपीएस* ने आज जिला सभागार मिनी सचिवालय हिसार में साइबरपीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट द्वारा बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध पर जिला पुलिस हिसार की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सभी उप पुलिस अधीक्षक, थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों के साथ सीएमएमजीजीए सौम्या पंचोली की सहायता से एक वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया।


 


    *पुलिस उप महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक हिसार श्री बलवान सिंह राणा,आईपीएस* ने  आज जिला सभागार मिनी सचिवालय हिसार में साइबरपीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट द्वारा बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध पर जिला पुलिस हिसार की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सभी उप पुलिस अधीक्षक, थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों के साथ सीएमएमजीजीए सौम्या पंचोली की सहायता से एक वर्चुअल  कार्यशाला का आयोजन किया गया।

     हिसार पुलिस 4 मार्च (2021)

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुमारी उपासना ने कहा कि यह कार्यशाला बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की पहचान करने और उन्हें सुलझाने में पुलिस अनुसंधान अधिकारियों की सहायता करेगी और  बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र बनाने में सहायता करेगा।




   पुलिस उप महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा स्कूलों और अन्य सहायक सेवाओं के बंद होने के साथ बच्चों के घर में रहने से ऑनलाइन समय में हुई वृद्धि के साथ बच्चों में साइबर अपराध का जोखिम ओर अभी अधिक हो गया है। बच्चों और वयस्कों द्वारा शैक्षिक, पेशेवर, मनोरंजन और सामाजिक उद्देश्यों के लिए ऑनलाइन खर्च किए जाने वाले समय में परिशोधन उपायों की मात्रा बढ़ रही है, और ऑनलाइन शिकार करने वाले शिकारी बच्चो पर  एक अनजाना जोखिम पैदा कर रहे हैं।  

      साइबरपीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि  गेमिंग, मैसेजिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से पीड़ितों और अभिभावकों के लिए  ग्लोबल साइबरक्राइम की रोकथाम और जागरूकता अभियान चलाए जा रहें है। माता-पिता, स्कूल बच्चों को ऑनलाइन जोखिम से बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद भी  उन बच्चों को इंटरनेट से बचाने की जरूरत है, जो इसका दुरुपयोग करने और उसका फायदा उठाने की इच्छा रखते हैं।  बच्चों को इन साइबर अपराधों में भाग लेने से रोकने के लिए, साइबर अपराध के बारे में समझा कर साइबर अपराध से होने वाले नुकसानों की जांच करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही इन अपराधों में अपने बच्चों को अपराधी बनने से बचाने के तरीके भी बताए गए हैं।  अभिभावकों  अपने बच्चों को पायरेटेड या नकली सामग्री डाउनलोड न करने के बारे में बताए।  साइबर अपराध के वास्तविक शिकार को  धन, समय, अभिमान और जीवन तक की हानि हो सकती  है।  साइबर अपराध को रोकने का सबसे अच्छा तरीका बच्चों को साइबर अपराधों के प्रकार, पीड़ितों को साइबर अपराध की लागत और ऐसे अपराधों को करने के परिणामों के बारे में बताना चाहिए। 




      वर्चुअल कार्यशाला में साइबर पीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर रक्षित टंडन, श्री नीतीश चंदन, अभिलाषा व्यास, जेनिस वर्गीस, अंतरा वत्स  ने जिला पुलिस हिसार के अनुसंधान अधिकारियों को बच्चो के साथ होने वाले साइबर क्राइम के अभियोग के निदान के बारे में महत्वपूर्ण टिप्स दिए। 

      उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती भारती डबास ने अभिभावकों से अपील की है कि अगर किसी भी बच्चे के साथ किसी भी तरह का कोई साइबर अपराध हो जाता है तो उसमे बच्चे को दोषी न माने और बिना किसी हिचकिचाहट के पुलिस के पास आए। वर्चुअल कार्यशाला के अंत में उप पुलिस अधीक्षक महोदया ने  साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर रक्षित टंडन, श्री नीतीश चंदन, अभिलाषा व्यास, जेनिस वर्गीस, अंतरा वत्स व cmgga सौम्या पंचोली का धन्यवाद किया।

सलाम खाकी न्यूज़ से

 ब्यूरो चीफ़

 उजागर सिंह की रिपोर्ट


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