Advertisement

सब इंस्पेक्टर डॉ. अशोक कुमार ने कुरूक्षेत्र जाकर मानवता भलाई के इस अनमोल काम में लगाया चौथा शतक


 

कुरुक्षेत्र. द्रोणाचार्य डिग्री कॉलेज में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर 400वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. यह शिविर राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा आयोजित किया गया. रक्तदान शिविर का शुभारंभ संगीत विभाग से रिचा शर्मा के मधुर संगीत से हुआ जिससे सारा वातावरण मधुरमय हो गया। यह आयोजन हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी जो राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित है के कुशल नेतृत्व में किया गया। 



डॉ. अशोक कुमार वर्मा स्वयं 148 बार रक्तदान कर चुके हैं जिसमे 68 बार डेंगू पीड़ितों को प्लेटलेट्स दे कर जीवनदान दिया है। डॉ अशोक वर्मा के इस पुण्य दान के कारण लगभग 47511 लोगों को जीवनदान मिल चुका है। डॉक्टर वर्मा को अब तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2018 में ए आर फाउंडेशन द्वारा इन्हें ह्यूमैनिटी अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण पुनियानी जी ने कहा कि रक्तदान महान काम है शिविर का आयोजन हमारे लिए खुशी और गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हम शिक्षित और सभ्य समाज के नागरिक हैं जो न केवल अपना बल्कि दूसरे के भले के लिए भी सोचते हैं। ऐसे में इस पुनीत कार्य में रक्तदान करें और लोगों को जीवन देने में मदद करें। उन्होंने कहा कि उनकी इस पहल से जरूरतमंद लोगों की जिंदगी बच सकेगी । 18 से 65 वर्ष तक के हर स्वस्थ व्यक्ति को जरूरत पड़ने पर रक्तदान करना चाहिए।



 रक्तदान मानवता की सेवा का सबसे बड़ा उदाहरण है। डॉ अशोक वर्मा ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। वे भी रक्तदान कर जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकती हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। रक्तदान करने की पहल कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण पुनियानी जी ने की। उसके बाद उनका अनुसरण करते हुए भौतिक विज्ञान के सहायक प्रोफेसर गौरव कुमार ने रक्तदान किया जो पहले भी 16 बार रक्तदान कर चुके हैं।अब 17 वीं बार रक्तदान करके गौरव कुमार ने कहा कि रक्तदान करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है और रक्तदान करने से उनके स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव भी नहीं पड़ा। हम 3 महीने के बाद सुचारू रूप से रक्तदान कर सकते हैं। उसके बाद प्रबंध विभाग के सहायक प्रोफेसर हरभजन सिंह ने रक्तदान किया ,जो पहले भी 10 बार रक्तदान कर चुके हैं। उसके बाद वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर रजत गुप्ता ने, इतिहास विषय के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र सिंह ने और नॉन टीचिंग स्टाफ से राजबाला ने रक्तदान किया, जो पहले भी 8 बार कर चुकी है। शिविर में करीब 67 रक्तदाता इच्छुक विद्यार्थियों और कॉलेज फैकल्टी ने रजिस्ट्रेशन कराया लेकिन स्वास्थ्य दृष्टि और अन्य कारणों से केवल 26 यूनिट रक्तदान हुआ। रक्त दाताओं को फल जूस और रक्तदान के सर्टिफिकेट वितरित किए गए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सौरभ चौधरी ने कहा कि भविष्य में कॉलेज की तरफ से महिलाओं के स्वास्थय जागरूकता संबधी कैंप आयोजित जाएगा। 



अंत में कॉलेज प्राचार्य जी ने सभी का धन्यवाद किया और विशेष रूप से डॉक्टर वर्मा का बार-बार धन्यवाद किया क्योंकि डॉ. अशोक वर्मा मानवता की सेवा करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते। इस रक्तदान शिविर के संचालक इतिहास विषय के सहायक प्रोफेसर डॉ देवेंद्र ढुल ने कहा कि रक्तदान महादान है। हम रक्तदान करके किसी का जीवन बचा सकते हैं। इस रक्तदान के लिए हमेशा आगे रहे। आपके द्वारा बचाई गई जान किसी दूसरे के लिए अति महत्वपूर्ण हो सकती है।



 इसलिए सभी सामाजिक मूल्यों को समझें और रक्तदान करें। इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधक समिति के प्रधान श्री सोम सचदेवा जी ने कहा कि हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कितनों की जिंदगी बचाता है। इस बात का एहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जीता है। उस समय उनके लिए खून की जद्दोजहद करते हैं । कभी भी दुर्घटना या बीमारी का शिकार कोई भी हो सकता है। शिविर में प्रबंध समिति के सदस्य श्री विपिन अग्रवाल जी, श्री पोरस चौधरी जी मौजूद रहे। रक्तदान शिविर को सफल बनाने में कॉलेज के सभी छात्र छात्राओं ,टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की बहुत अहम भूमिका रही ।सभी ने इस कार्यक्रम के प्रति बहुत उत्साह दिखाया।



No comments:

Post a Comment