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हरियाणा-112 के साथ जुड़ा साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930

 


हरियाणा प्रदेश में वर्ष 2021 और 2022 के बीच राज्य सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक ’’हरियाणा 112’’ के माध्यम से प्रदेश में आपातकालीन सेवा वितरण प्रणाली के स्तर को और अधिक ऊपर उठाने की दिशा में एक अभिनव पहल देखी गई है। 12 जुलाई 2021 को नागरिकों को समर्पित की गई इस महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से लगभग 10 माह की छोटी सी अवधि में 46 लाख नागरिकों की मदद कर एक नया मील का पत्थर हासिल किया है।

ए.एस. चावला, जो हरियाणा 112 के स्टेट नोडल अधिकारी भी हैं, ने बताया कि साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को आज हरियाणा 112 से जोड़ा गया है जो हरियाणा 112 ईआरएसएस परियोजना के लिए एक नया मील का पत्थर है। राज्य भर से 1930 से संबंधित कॉलों की लैंडिंग 112 पर शुरू हो गई है। हरियाणा 112 प्रणाली में 1930 सेवा से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक शामिल किया गया है, ताकि पीड़ितों को तत्काल और जवाबदेह आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के बीच हरियाणा 112 की स्वीकृति की गति में भी तेजी से वृद्धि हुई है। जहां अगस्त 2021 में काॅलों की संख्या 3,87,799 थी वहीं यह आंकड़ा मई 2022 में बढ़कर 5,03,369 पहुंच गया है। प्रदेशवासियों से प्राप्त फीडबैक रिपोर्ट से पता चलता है कि संतुष्टि का स्तर अगस्त 2021 में 91.23 प्रतिशत से बढ़कर मई 2022 में 94.88 प्रतिशत हो गया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय सुशासन दिवस समारोह में हरियाणा 112 परियोजना ने प्रथम पुरस्कार अपने नाम किया।

उन्होंने कहा कि हरियाणा 112 का आदर्श समाज के सभी वर्गों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करना है। इस संबंध में, राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (एसईआरसी) में मूक-बधिर लोगों के लिए वीडियो कॉल और मैसेजिंग ऐप सुविधा से लैस एक विशेष सेल की स्थापना की गई है। ऐसी कॉलों से निपटने के लिए एसईआरसी में चौबीसों घंटे सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों को तैनात किया गया है। अब दिव्यांगजन भी 112 पर एसएमएस भेजकर या पैनिक बटन दबाकर या 112 डायल करके 5 सेकंड के बाद 8 बटन दबाकर हरियाणा 112 सिस्टम से संपर्क साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्त राज्य के लिए सभी आपातकालीन सेवाओं को एक टोल-फ्री नंबर से जोड़ना वास्तव में एक कठिन कार्य था, लेकिन इसे राज्य सरकार के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से हासिल किया जा रहा है। वर्तमान में, यह परियोजना गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में 101 और 108 की अतिरिक्त सेवाओं के साथ समस्त राज्य में 100, 112, 1073, 1091 और 1930 की एकीकृत आपातकालीन सेवाएं प्रदान करती है।



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