मत करवाओ कला को लुप्त फिर कहते फिरोगे हमारे समय में जादुगर हुआ करते थे ?..............
कालांवाली में बच्चों के मनोरंजन के लिए आए एक जादूगर जो भारत से लुप्त हो रही कला को बचाने के लिए और आपको एवम् आपके बच्चों को कुछ समय के लिए आज का सबसे बड़ा नशा मोबाइल की दुनिया से दूर ले जाकर लाइव वो दिखाता है जो कभी हों नही सकता । PVR में जाकर 500-- 500 की टिकट लेकर वो फिल्में देखते है जिसमे पुलिस को रिश्वतखोरी और भ्रष्ट दिखाया जाता है और गुंडे को हीरो दिखाया जाता है । सिर्फ फिल्मों के कारण ही आज दिन रात आपकी सेवा में तैनात रहने वाली खाकी की छवि आज आपको पता ही है । और मात्र 100 रुपए की टिकट में अपनी जान तक जोखिम में डालकर लाइव वो दिखाते हैं जो कभी हो नही सकता और आपकी आखों के सामने हो जाता है । कही पर भी ऐसा शो लगने पर वहा का हर शख्स अपने आप को वीआईपी समझने लगता है और वीआईपी पास के चक्कर में घूमता है ।
क्या आपको पता हैं वीआईपी पास चलते शो का बजट बिगाड़ देता है, जिसकी भरपाई करना एक जादूगर के लिए कठिन परीक्षा है ।
विशेष नोट : कभी सोचा आपने
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👉 मैजिक देखने से बच्चों का दीमक तेज़ होता है
👉 मैजिक सिर्फ एक पैरासाइंस है, जहां साइंस खत्म होती है वहा से शुरू होता है पैरासाइंस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता देते है की कालावली के कुछ अच्छे व्यक्तियों ने जादूगर का सहयोग करते हुए उन्हें मदद का भरोसा दिलाया परन्तु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गरीब का सहयोग करना तो दूर उल्टा नुकसान करने पर हावी हो गए । जैसे इंट्री पास,ब्लैकमेल कर जानबूझ कर परेशान करना नियम लागू करवाने के लिए प्रशासन को जोर देना । ओर बेचारा प्रशासन शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने को मजबूर हो जाता है । प्रशासन किसी को भी तंग नही करना चाहता परन्तु शिकायत मिलने पर कार्यवाई करना प्रशासन का फर्ज है ।
आखिर जादूगर का शो बंद होना प्रशासन व मंडी निवासी सारी बात समझ रहे है कि माजरा क्या है ? क्यो शिकायत की गई है ?
बात सिर्फ टिकट को लेकर है
अपने आप को बड़े अखबार का पत्रकार बताने वाला जिसके बच्चों से टिकट के पैसे ले लिए गए तो उसने पत्रकार की धौंस दिखाते हुए उसकी खबर अखबार में लगवा दी और कहा की अब चला के दिखाना शो ।
हम उस पत्रकार भाई से पूछना चाहते हैं क्या आपको पता हैं ?
👉🏻 लॉकडाउन के बाद जादूगरों ने अब अपना काम शुरू किया था
लॉक डाउन लगने पर जादूगरों के चलते शो बंद हो गए थे और सब अलग अलग राज्य में फंस गए थे जहां से अपने स्टाफ और समान के साथ निकल पाना उनके लिए जिंदगी और मौत का सफर था
लॉक डाउन में फंस जाने के कारण कुछ जादूगरों ने इस जिंदगी को अलविदा बोला था क्यों की उस पर एक परिवार का नही 10+ परिवारों की जिमेवारी थी
4 साल से लॉकडाउन की मार झेल रहे जादूगरों को मत मारो, बददुआ हिला के रख देगी
और परमिशन लेने के इतने सख्त नियम हैं की कम से कम 10 दिन लगातार डीसी कार्यालय, कचहरी, फायर ऑफिस, एसडीएम ऑफिस, चौकी,थाने सब जगह से एनओसी लेनी पड़ती है और परमिशन के आखरी पेज पर सिर्फ इतना ही लिखा जाता है की 👉 कोई हादसा होने पर हर बात का जिमेवार जादूगर होगा
और कोई भी यह कभी नहीं चाहता की हमारे साथ कोई हादसा हो
फिर ये भी पता नही क्यों सारे नियम व शर्ते किसी गरीब पर ही लागू क्यो करवाए जाते हैं ? नियम की बात करे तो क्या नियम किसी फेक्ट्री,रिजॉर्ट,मैरिज पेलेज,बड़े स्कूल,रेस्टोरेंट,मिष्टान भंडार, पर लागू नही होते ?
मेरे समझ मे यह नही आता कि अब जिस जगह पर जादू शो चलाया जा रहा है उस जगह पर आज ही नियम क्यो लागू करवाए जा रहे हैं जबकि उसी जगह पर हर रोज गरुड़ पुराण भोग व शादी आदि के फंक्शन करवाए जाते हैं उन फंक्शनों में सेंकडो की संख्या में लोग भी होते हैं व आग का कार्य मतलब हलवाई आदि का कार्य भी चलता है । क्या उस टाइम एनओसी,फायर,फंक्शन की परमिशन आदि या इंट्री गेट,ओर उस फंक्शन में कोई हादसा क्या उस टाइम नही हो सकता जबकि जादूगर के पास कोई ना हलवाई है ना वहा कोई भट्ठी जलाई जाती ।
मंडी कालावाली में बहुत सी ऐसी बिल्डिंग है जिसमे काफी कमियां हैं । नगर पालिका प्रशासन द्वारा रेलवे फाटक पर अतिक्रमण व हर रोड पर नजायज अतिक्रमण के नियमो पर हर कोई चुप क्यों है ? उन में नियम लागू क्यो नही करवाए जाते ?
सिर्फ गरीब आदमी की शिकायत कर नियमो के नाम पर परेशान करना, अफसरों को शिकायत करना, किसी गरीब के मुंह से रोटी छीनना, गरीब की आंखों में आंसू का कारण बनना अच्छी बात नही। अगर नियमो की बात करें तो हर नियमो की धज्जियां हर रोज उड़ रही है।
प्रशासन के अफसर भी सबकी हेल्प करना चाहते हैं और प्रशासन सब जानता भी है कि नियम तो हर जगह पूरे नही है । परन्तु प्रशासन शिकायत की वजह से मजबूर नजर आ रहा है ।
प्रशासन कभी भी गरीबमारी नही करता है क्यों की उन्हें तो जो कैंप्लेंड मिलती है उस पर कार्रवाई करनी पड़ती है ।
क्या होगा ज्यादा से ज्यादा किसी गरीब का रोजगार बंद हो जाएगा। मेहनत कर शो में बाहर से आए कलाकार दिहाड़ी से बंचित रह जाएंगे बेसे भी आजकल यह मनोरंज कला लुप्त हो गयी है।
मैं उनसे कहना चाहता हूं हू जिसने सिर्फ टिकट कटने की वजह से शो बंद करवाया की कालांवाली की खोखा मार्किट जो कि बिल्कुल नजायज बनी हुई है। दो दो मंजिला शोरूम बन गए हैं । सरकारी जगह को 50 लाख कीमत में छोटी छोटी दुकाने सिर्फ कब्जे के नाम पर बेचकर शोरूम खोले गए हैं क्या वह नियम नजर नही आए ?
बाकी प्रशासन से अपील जरूर है कि नियम सिर्फ किसी की शिकायत पर ही न लागू करवाए जाए । यह नियम निरन्तर लागू होने चाहिए । कुछ चीजें बक्त व मौका को देखते हुए इग्नोर भी हो जाती हैं । बाकी कालांवाली में जादूगर का बहुत से अच्छे लोगो ने सहयोग किया जिनका जादूगर की तरफ से धन्यवाद है।🙏
बाकी शायद मात्र 100-200 रूपये के लिऐ यह शो बंद ही हो जाएगा
जादूगर मनूतारा की कलम से
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